वही जिस तरह से गुरूवार को प्रदेश कांग्रेस की बैठक में कई पदाधिकारियों ने भी बसपा से आए विधायकों को मंत्री नहीं बनाने की सलाह दी है तो डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी कहा कि बसपा विधायक बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए है।
इसके बाद से ही मुख्यमंत्री खेमे में चिंता बढ़ी हुई है। बढ़ती नाराजगी को देखते हुए ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर डिनर पॉलिटिक्स की रणनीति बनाई। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर रात 8 बजे सभी मंत्रिमंडल के सदस्यों को आमंत्रित किया। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, सह प्रभारी विवेक बंसल और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी डिनर में शामिल हुए।
पांडे से की लंबी वार्ता
सूत्रों की माने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के बीच गुरूवार को सीएम हाउस में तीन बार लंबी चर्चा हुई। सुबह जहां प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस गए और मुख्यमंत्री गहलोत से चर्चा की तो वहीं शाम चार बजे फिर से पांडे ने गहलोत से चर्चा की। उसके बाद डिनर के दौरान भी मुख्यमंत्री गहलोत और पांडे के बीच लंबी मंत्रणा हुई। बताया जाता है कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक नियुक्तियों और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई।