मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से थाना स्तर तक के अधिकारियों से संवाद के दौरान ये महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। यह पहला अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने थाना स्तर तक पुलिस कार्मिकों से संवाद किया है। इस दौरान गहलोत ने कहा कि कोरोना के समय संकट के इस दौर में पुलिस ने समर्पण भावना के साथ दायित्वों को अंजाम देकर अपनी मानवीय छवि पेश की है। लॉकडाउन लागू करने से लेकर कोई भूखा नहीं सोए के संकल्प को साकार करने में अधिकारियों से लेकर पुलिस कांस्टेबल तक ने जो भूमिका अदा की है, वह प्रशंसनीय है। आगे भी राजस्थान पुलिस इसी जोश और जज्बे के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करे।
आत्महत्या के प्रकरणों पर जताई चिंता
गहलोत ने कहा कि बीते दिनों कुछ पुलिस कार्मिकों द्वारा आत्महत्या करने की जो घटनाएं हुई हैं, वे दुखद और चिंताजनक हैं। पुलिस महानिदेशक से लेकर थाना प्रभारी स्तर तक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों की समस्याओं को समझें और उन्हें दूर करने के लिए भावनात्मक संरक्षण दें। ड्यूटी या अन्य किसी कारण से कोई पुलिसकर्मी अवसाद की स्थिति में है तो उसकी मनोस्थिति समझकर आवश्यकतानुसार मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस के मनोबल तथा सम्मान को ऊंचा रखने में कोई कसर नहीं रखेगी।
नवाचारों से मिली कोरोना की जंग में मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से जंग का अनुभव हम सबके लिए नया था। पुलिस ने इससे निपटने के लिए जो नवाचार किए, उनमें से कई सफल रहे और सामूहिक प्रयासों से हम इस लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में पूरे प्रदेश में शांति और सद्भाव कायम रहा, उसमें पुलिस की बड़ी भूमिका है। होमगार्ड एवं पुलिस मित्रों ने भी कोरोना के इस दौर में सराहनीय कार्य किया है। प्रवासियों को सकुशल अपने घर पहुंचाने, सुरक्षित प्रसव, वृद्धजनों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने और उनकी देखभाल करने, सुगमता के साथ यात्रा पास जारी करने के साथ ही अन्य कार्यों में पुलिस ने जिस भावना के साथ काम किया है, उससे नए रूप में पुलिस का इकबाल कायम हुआ है।
चिकित्सा मंत्री ने की तारीफ
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में पुलिस ने जिस मुस्तैदी के साथ काम किया, वह तारीफ के काबिल है। इससे जनमानस में उनकी छवि निश्चित रूप से बदली है। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में श्रमिकों के आवागमन को लेकर परेशानियों की खबरें आईं, लेकिन राजस्थान ऐसा राज्य रहा, जहां पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से इस काम को सुगमता से अंजाम दिया गया। पुलिस ने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ राशन सामग्री एवं भोजन के वितरण जैसे कामों में भी सहयोग देकर मानव सेवा का उदाहरण पेश किया।
इम्यूनिटी बूस्टर का वितरण जारी
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जरूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन पहुंचाने, भोजन वितरण और कोरोना से मुकाबले के लिए प्रेरणादायक संदेश पहुंचाने तक के कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने पुलिस के प्रति लोगों की धारणा बदली है। पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा, आयुर्वेदिक काढ़ा एवं इम्यूनिटी बूस्टर का वितरण किया जा रहा है।
पब्लिक फ्रेंडली रहे पुलिस
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने कहा कि पुलिस ने जिस तरह संवेदनशील व्यवहार से जनता का दिल जीता है, वे आगे भी इसी तरह कार्य करते रहें। लॉकडाउन काफी हद तक हट गया है, लेकिन कोरोना का खतरा अभी बरकरार है, ऐसे में हैल्थ प्रोटोकॉल एवं दिशा-निर्देशों की पालना करवाने के लिए पुलिस सजग रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पब्लिक फ्रेंडली पुलिस का जो संदेश दिया है, उसके अनुरूप पुलिस अपनी भूमिका निभाए।
गुडविल आगे भी बनाए रखें
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के बाद पैदा हुई स्थितियों में पुलिस ने बेहतरीन ढंग से काम करते हुए अपनी जो गुडविल बनाई है, उसे वे आगे भी बनाए रखें। राजस्थान पुलिस में शामिल करीब एक लाख पुलिसकार्मिकों के साथ ही 15 हजार होमगार्ड एवं 24 हजार पुलिस मित्रों ने एक साथ मिलकर इस चुनौती का मजबूती से सामना किया है। उन्होंने कहा कि तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद पुलिसकर्मी अपना सर्वोत्तम देने का प्रयास करें।
नवाचारों से करवाया अवगत
कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस कमिश्नर से लेकर थाना प्रभारी स्तर तक के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के साथ संवाद करते हुए कोरोना के दौरान आमजन को राहत देने के लिए किए गए नवाचारों से अवगत कराया। साथ ही इस दौरान हुए अनुभवों की जानकारी भी दी। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने ऐपिसेंटर बने रामंगज क्षेत्र में संक्रमण के सामुदायिक प्रसार को रोकने, उदयपुर की पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती विनीता ठाकुर ने गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए हैलो मम्मी एप सहित अन्य अधिकारियों ने भी अपने अनुभवों की जानकारी दी।
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