सीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें उन्नत खेती के लिए जो भी जरूरी संसाधन हैं वो सब उपलब्ध कराएं जाएं। साथ ही मुख्यमंत्री ने बजट में की गई कृषि से संबंधित घोषणाओं पर तेजी से काम करने को कहा। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए ताकि यहां के किसानों को बाहर से महंगे दामों पर बीज नहीं खरीदना पडे़। साथ ही बीज उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त आय हो सके।
रबी के लिए सुनिश्चित करें उर्वरकों की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी की फसल के लिए बुवाई के लक्ष्य, किसानों की मांग तथा भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुरूप उर्वरकों की उपलब्धता समय पर हो। इसके लिए फर्टिलाइजर कम्पनियों एवं भारत सरकार से समन्वय स्थापित किया जाए ताकि रबी के सीजन में किसानों को उर्वरक के लिए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे।
गहलोत ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में अधिक से अधिक कृषि प्रसंस्कण गतिविधियां संचालित हों इसके लिए कृषि प्रसंस्कण इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए।
टिड्डी प्रकोप पर नियंत्रण के लिए संसाधन दे केंद्र सरकार , मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र प्रदेश के कई जिलों में टिड्डी प्रकोप पर नियंत्रण लगाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। गहलोत ने इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर आग्रह भी किया है। गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि पिछले चार माह से पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों में टिड्डी दलों का प्रकोप है। इस पर तुरंच नियंत्रण के लिए प्रदेश में जल्द से जल्द नए दवा छिड़काव यंत्रों, मानव संसाधन और दवा के हवाई छिड़काव के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले चार महीने से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जालौर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डियों का प्रकोप है। इस पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के सहयोग से लगातार कार्रवाई की जा रही है।
लेकिन कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर से टिड्डी के नए स्वार्म और हॉपर्स के सीमा पार कर आ जाने से जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर जिलों में टिड्डी का प्रकोप अधिक बढ़ गया है। इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका है। गहलोत ने बताया है कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के पास उपलब्ध 45 दवा छिड़काव मशीनें टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण में नाकाफी साबित हो रही है।