गहलोत ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर 6 साल के परीक्षण और त्रुटि के बाद भी, हम अभी भी कोई सिल्वर लाइन नहीं देख पा रहे हैं कि सरकार किस तरह से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने जा रही है। साथ ही किस तरह नौकरी प्रदान करेगी और उन लोगों की देखभाल कैसे करेगी, जिनके पास कोई पैसा नहीं है, कोई काम नहीं है। यूपीए के तहत एक संपन्न अर्थव्यवस्था एनडीए ने पूरी तरह से नष्ट कर दी है।
गहलोत ने ट्वीट में यह भी लिखा कि मोदीजी के अधीन, एक समावेशी समाज के रूप में भारत के लोकतांत्रिक, उदारवादी नैतिकता को पूरी तरह से कम करके आंका गया है। एनडीए, संस्थानों की स्वायत्तता के साथ छेड़छाड़ कर रहा है। पीएसयू बेचे जा रहे हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को विभाजनकारी एजेंडे के साथ बाधित किया जा रहा है। राष्ट्र को आगे ले जाने के बजाय, एनडीए सरकार इसे पीछे ले जा रही है।
गहलोत ने अपने ट्वीट के आखिर में लिखा कि मोदी 2.0 को उस समय के रूप में याद किया जाएगा, जब लाखों लोगों ने सब कुछ खो दिया और उन्हें लॉक डाउन के दौरान असहनीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोगों की पीड़ा के लिए सरकार मूकदर्शक बनी रही। देश ने करोड़ों भारतीयों के जीवन या आजीविका के बारे में सबसे असंवेदनशील सरकार को परेशान देखा।
रेलमंत्री पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के नाम किए गए एक अन्य गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम किया ट्वीट। गहलोत ने कहा, अब तक 40 श्रमिक विशेष ट्रेनें विलंबित हो चुकी हैं। 1 ट्रेन को तो पहुंचने में 9 दिन लगे और अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने मंत्री गोयल को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बनाने का सुझाव प्रधानमंत्री मोदी को दिया। क्योंकि भारतीय रेलवे में इस तरह की गड़बड़ी के बारे में पहले कभी नहीं सुना। गहलोत ने कहा, कि गोयल को केवल भाजपा के लिए धन उगाहने पर ध्यान केंद्रित करने दें।