गहलोत ने कहा कि एनएफएसए के तहत केन्द्र ने वर्ष 2011 की राज्य की 6 करोड़ 86 लाख की जनगणना को आधार मानते हुए शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत व्यक्तियों की सीलिंग निर्धारित की। इसके आधार पर अभी प्रदेश के 4.46 करोड़ परिवारों को प्रतिमाह 2 लाख 32 हजार 631 मैट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जा रहा है। जबकि वर्ष 2019 में राज्य की जनसंख्या करीब 7 करोड़ 74 लाख हो चुकी है। जिसमें ग्रामीण जनसंख्या 5 करोड़ 82 लाख और शहरी जनसंख्या 1 करोड़ 92 लाख है। ताजा जनसंख्या के आधार पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल 5.04 करोड़ व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा की इस महत्वपूर्ण योजना के दायरे में आने चाहिएं।
कोरोना से आजीविका पर संकट
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी आर्थिक संकट के चलते बेरोजगार हुए गरीबों, जरूरतमंदों, कामगारों तथा मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन पालने वाले लोगों की आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो गया है। इस विकट स्थिति में केन्द्र सहानुभूतिपूर्वक विचार कर खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जनसंख्या के वर्तमान आंकड़ों के अनुरूप प्रदेश को अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करना चाहिए ताकि इस अधिनियम की भावना के अनुरूप पात्र जरूरतमंद व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सके।