ऐसे में नौकरशाहों के बीच मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को लेकर चर्चाओं का दौर है। मुख्य सचिव पद पर राजीव स्वरूप की तैनाती 2 जुलाई 2020 को हुई थी। डीबी गुप्ता को हटाकर सीएम गहलोत ने राजीव स्वरूप को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया था, जबकि उनके रिटायरमेंट में महज 3 माह की समय शेष था।
सीएम के करीबियों में शामिल हैं स्वरूप
वहीं राज्य के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप सीएम अशोक गहलोत के विश्वस्त अधिकारियों में से एक हैं। मुख्य सचिव से पहले राजीव स्वरूप एसीएस होम के पद पर तैनात थे। गृह विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री के पास है।
कोरोना संकट के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान राजीव स्वरूप ने गाइड लाइन की बेहतर तरीके पालना कराने के साथ ही केंद्र और राज्य के बीच तालमेल भी बनाए रखा था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य सचिन के लिए राजीव स्वरूप के नाम पर ही भरोसा जताया था।
राजीव नहीं तो फिर कौन होगा मुख्य सचिव
नौकरशाहों के बीच चर्चा इस बात की भी है कि अगर राज्य सरकार राजीव स्वरूप को एक्सटेंशन नहीं देती है तो फिर राज्य का अगला मुख्य सचिव कौन होगा, हालांकि वरीयता की बात करें तो रविशंकर श्रीवास्तव, गिरिराज सिंह, ऊषा शर्मा, मधुकर गुप्ता, नील कमल और वीनु गुप्ता हैं। इनमें भी मधुकर गुप्ता और ऊषा शर्मा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
माना जा रहा है कि वरीयता के लिहाज रविशंकर श्रीवास्तव या फिर गिरिराज सिंह में से किसी एक का नंबर लग सकता है। अगर महिला आईएएस में से मुख्य सचिव बनाने की चर्चा है तो उनमें केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गई ऊषा शर्मा और वीनु गुप्ता का नंबर लग सकता है। ऊषा शर्मा 1985 और वीनु गु्प्ता 1987 बेच की आईएएस अधिकारी हैं।