अधिकतर बच्चे कहानी सुनना पसंद करते हैं। वे कहानी याद भी कर लेते हैं। बच्चों की याद्दाश्त बढ़ाने के लिए उन्हें कहानी सुनाएं और फिर उनसे कहानी सुनें भी। उनसे सवाल पूछें। बातें करें। उनको जानें उन्हे खाने में क्या पसंद है। उनका पसंदीदा रंग कौनसा है? उनकी स्कूल और दोस्तों और रूचि के बारे में जानें। बच्चे के साथ घूमने जाएं तो उनको नई-नई चीजें सिखाएं और उनके बारे में उनसे जानें भी। जब बच्चों से बात कर ज्यादा से ज्यादा जानकारी ली जाती है तो यह मानसिक श्रम उनकी याद्दाश्त को मजबूती देता है।
माता-पिता जब अपने कुछ कामों में बच्चों को शामिल करते हैं तो बच्चे बड़े उत्साहित होकर काम करते हैं। उनका यह उत्साह उनके विकास में सहायक होता है। मान लीजिए आप बच्चों की पसंद की कोई रेसिपी बना रही हैं तो उनकी राय लें कि किस तरह का टेस्ट रखा जाना चाहिए। बाजार में छोटी-मोटी खरीदारी में उनके हाथ में पैसे दें और कहें कि गिनकर दुकानदार को दें। इसी तरह विभिन्न तरह के मामलों में उनसे राय लें। इस तरह की कोशिशों से बच्चे की याद्दाश्त मजबूत होती है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि चीजें याद रखने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है उन्हें विजुअलाइज करना। बच्चों को कहें कि वे अपने दिमाग में उन चीजों की तस्वीरें बनाने की कोशिश करें, जो कुछ भी वे पढ़ रहे हैं। आप विजुअल गेम्स, प्ले काड्र्स और कुछ ऐसी चीजें भी ले सकते हैं, जिनसे बच्चे को सीखने में मदद मिल सके।
मजबूत याद्दाश्त के लिए पर्याप्त नींद बहुुत जरूरी है। बच्चों को रोजाना करीब 11 से 12 घंटे की नींद मिलना जरूरी है। सोना शरीर को रिचार्ज करने के लिए, कम महत्वपूर्ण बातों को दिमाग से निकालने के लिए और जरूरी बातों को दिमाग में बनाए रखने के लिए आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि बच्चा पर्याप्त नींद लें।
मजबूत याद्दाश्त के लिए बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन जरूरी है। भोजन जिनमें ओमेगा 3, विटामिन बी, विटामिन बी-12 और फोलेट की मात्रा पर्याप्त हो। ये यादाश्त को बढाने का काम करते हैं। फोलेट के स्रोत हैं जैसे – संतरे का जूस, ब्रोकली, पालक, बीन्स आदि। डेयरी उत्पाद, हरी सब्जियां भी खिलाएं।