भाजपा ने गुर्जर आरक्षण के प्रमुख बैंसला को शामिल कर एक तीर से दो निशाने साध लिए है। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है क्यों कि हाल ही में गुर्जर आंदोलन समाप्ति के बाद बैंसला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच नजदीकी बढ़ी थी। गहलोत बैंसला को कांग्रेस में शामिल कर सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) को मुख्यमंत्री नहीं बनाने की गुर्जरों की नाराजगी को खत्म करने के प्रयास में थे लेकिन किरोड़ी के भाजपा में शामिल होने से यह दांव अब उल्टा पड़ता नजर आ रहा है।
भाजपा को उम्मीद है कि किरोड़ी को शामिल करने से उस नाराजगी को लोकसभा में भुनाया जा सकता है। गुर्जर समाज सीधे-सीधे दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, कोटा, झालावाड़-बारा, भीलवाड़ा, राजसमन्द लोकसभा सीटों को प्रभावित करता है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने किरोड़ी को राज्यसभा से उच्च सदन भेजने का वायदा किया है। बैंसला के लिए भाजपा से जुड़कर केंद्र से गुर्जर समाज आरक्षण प्रस्ताव पारित करवाना बड़ी चुनौती भी होगी। बैंसला अब प्रदेश में भाजपा को जिताने के लिए संदेश देंगे कि भाजपा आएगी तो गुर्जर आरक्षण बिल संसद में पारित करवाया जाएगा। अगर गुर्जर मतदाता इससे प्रभावित हुए तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
प्रदेश की गहलोत सरकार जहां गुर्जर आरक्षण मामले को सुलझाने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही थी वहीं बैंसला के भाजपा में जाने के बाद बैकफुट पर चली गई है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने किरोड़ी और उनके बेटे विजय बैंसला को भाजपा में शामिल करवाया। इस दौरान किरोड़ी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की है।
भाजपा में शामिल होने के बाद बैंसला ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा का दामन बिना किसी शर्त थामा है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस दोनों नेताओं के संपर्क में रहे लेकिन मोदी के नेतृत्व पर पूरे देश को भरोशा है । मोदी सभी वर्गों को साथ में लेकर चलते है।
वहीं, बैंसला और हनुमान बेनीवाल को साधने में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा के लोकसभा प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर (
prakash javedkar ) ने कहा कि प्रदेश में सभी वर्गों को साथ लेकर पार्टी मिशन-25 को दोहराएगी। आगामी दिनों में और भी नेता भाजपा का दामन थामते नजर आएंगे।