सर्कस रिंग में होने वाली कू्ररता को रोकने और पशु प्रेमियों के विरोध से बचने के लिए अब सर्कस तकनीक का सहारा ले रहे हैं। 43 साल पुराना सर्कस रॉनकैली भी इनमें से एक है। रॉनकैली ने 1990 के दशक से ही असली जानवरों का उपयोग बंद कर दिया था। हाल ही उन्होंने घोड़ों का इस्तेमाल भी बंद कर दिया है।
अब सर्कस होलोग्राफिक तकनीक की मदद से बने जानवरों के साथ शो करता है। शामियाने के बीचों-बीच 11 लेजर प्रोजेक्टर और कम्प्यूटर जेनेरेटेड इमेज (सीजीआइ) की मदद से जानवरों की हॉलोग्राफिक छवि बनाई जाती है। जिन्हें देखकर असली सर्कस देखने जैसा आभास होता है। रॉनकैली ने ब्लूबॉक्स और ऑप्टोमा नाम की प्रोजेक्शन और ऑडियो उत्पाद बनाने वाली कंपनी के साथ भागीदारी की है। रॉनकैली ऐसा करने वाला दुनिया का पहला हॉलोग्राफिक सर्कस है।