हर एक्टिविटीज को मिलेगा बूस्ट राजस्थान यूनिवर्सिटी से सभी संघटक कॉलेजों में नई फैकल्टीज के आने से जहां विवि के एजुकेशन सिस्टम में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। वहीं दूसरी ओर विवि इलेक्शन, स्पोट्र्स, एनएसएस और कल्चरल प्रोग्राम जैसी सभी गतिविधियों को ज्यादा बेहतर तरीके से अंजाम देने की कोशिश की जाएगी।
इनके जियोलॉजी को मिला खास फायदा महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. कैलाश अग्रवाल ने बताया कि अभी तक 11 फैकल्टीज की जॉइनिंग फाइनल हो चुकी है। इंटरव्यू की प्रक्रिया चल रही है, अभी तक यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस साल महाराजा कॉलेज को 15 नए टीचर्स मिलेंगी। नए टीचर्स बॉटनी, स्टेटेस्टिक्स, मैथेमटिक्स और हिंदी के टीचर्स है। खास बात यह है कि लास्ट ईयर जियोलॉजी के प्रोफेसर रिटायर्ड हो चुके थे, जिसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन इस सत्र में जियोलॉजी से दो नई फैकल्टीज जुड़ेगी।
महारानी कॉलेज की ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल डॉ. रश्मि जैन ने बताया कि महारानी कॉलेज में कुल 23 नई फैकल्टीज का रिक्रूटमेंट प्रोसेस लगभग पूरा हो चुका है। अन्य कुछ प्रोफेसर की नियुक्ति को जरूरत के अनुरूप तय किया जा रहा है। नई रिक्रूटमेंट में तहत सोशलॉजी में 5 , संस्कृत में 1, उर्दू में 2, स्टेटेटिक्स में 2, हिंदी में 2, इकोनॉमिक्स में 1, बॉटनी में 3, इंग्लिश में 2, मैथ्मेटिक्स में 2 और हिस्ट्री में 2 प्रोफेसर्स शामिल है। कॉमर्स में भी सबसे ज्यादा समस्या है।
साढ़े दस हजार से ज्यादा फॉर्म जनरेट स्टूडेंट्स का रिजल्ट आने के साथ अब उनकी जद्दोजेहद आरयू में एडमिशन लेने को लेकर शुरू हो गई है। यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेजों में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स का उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसे विवि की ऑफिशियल वेबसाइट पर जनरेट होने वाले फॉर्म की बढ़ती संख्या से समझा जा सकता है। छह दिनों में 10500 से ज्यादा फॉर्म जनरेट हुए हैं। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है कि विवि 16 जून से कटऑफ लिस्ट जारी कर देगी, लेकिन इस बार महारानी, महाराजा, कॉमर्स और राजस्थान में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह सत्र बेहद खास होगा।
जुलाई में शुरू होगी प्रक्रिया कॉमर्स कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. जे.पी यादव ने बताया कि कॉमर्स कॉलेज में लगभग तीन डिपार्टमेंट्स में नई फैकल्टीज की जरूरत है। इस सत्र में लगभग 25 नए टीचर्स जुडेंगे, जिसका फायदा एकेडिमक से साथ स्पोट्र्स से लेकर सभी अन्य गतिविधियों में भी होगा। कल्चरल और स्पोट्र्स एक्टिविटीज में भी फैकल्टीज का पार्टिसिपेशन बढऩे से स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ेगा।
अभी तक कई डिपार्टमेंट्स में रिटायर्ड फैकल्टीज से क्लासेज के लिए रिक्वेस्ट करनी पड़ती थी। परमानेंट फैकल्टीज से सभी प्रक्रिया पहले से ज्यादा सुविधाजनक होगी। राजस्थान कॉलेज की प्रिंसिपल अमिता शर्मा ने बताया कि अभी तक राजस्थान यूनिवर्सिटी में 7 न्यू फैकल्टीज का आना तय हो गया है। इसमें हिंदी, हिस्ट्री और संस्कृत जैसे विषय शामिल है।