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Clinical Trial : बिना अनुमति क्लिनिकल ट्रायल की होगी जांच

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2020 08:23:04 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Clinical Trial : जयपुर . Covid-19 महामारी के Treatment की दवा के रूप में किसी भी औषधी को बाजार में बेचना पाया गया तो संबंधित विक्रेता के खिलाफा नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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Patanjali Claims For Coronavirus Medicine

Clinical Trial : जयपुर . कोविड-19 ( COVID-19 ) महामारी के उपचार ( Treatment ) की दवा के रूप में किसी भी औषधी को बाजार में बेचना पाया गया तो संबंधित विक्रेता के खिलाफा नियमानुसार कार्रवाई होगी। हाल ही पतंजलि ( Patanjali ) की ओर से कोरोना की आयुर्वेद दवा बनाने के दावे के बाद राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। जयपुर में बिना अनुमति के की गई क्लिनिकल ट्रायल ( Clinical Trial ) की भी जांच करवाई जाएगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा आयुष मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि भारत सरकार ने ड्रग्स एण्ड कोस्मेटिक एक्ट 1940 एवं 1945 के तहत 21 अप्रेल 2020 को जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता।

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के उपचार में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केन्द्रीय आयुष मंत्रालय एवं आईसीएमआर की गाईड लाईन्स की अनुपालना सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बाबा रामदेव की ओर से कोरोना-19 के उपचार की दवा के दावे के संबंध स्पष्ट किया कि आयुर्वेदिक औषधियां इम्युनिटी बूस्टर के रूप में उपयोगी हो सकती है, लेकिन दवा के रूप में यह दावा बिना आयुष मंत्रालय की अनुमति के स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस दवा के संबंध में न तो किसी ने राज्य सरकार को आवेदन किया और न ही राज्य सरकार ने इस बारे में कोई अनुमति दी है।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रेल, 2020 को जारी गजट नोटिफिकेषन के अनुसार कोविड-19 के सन्दर्भ में किसी भी संगठन को अनुसंधान करते समय साइन्टिफिक एडवाईजरी बॉडीज एवं इस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी से अनुमोदित होना चाहिए। क्लिनिकल ट्रायल परियोजना सीटीआरआई की ओर से पंजीकृत होने के साथ ही उनका सैम्पल साईज भी पर्याप्त हो, क्लिनिकल ट्रायल आयुष अथवा आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार हो तथा बायो मेडिकल एवं हैल्थ रिसर्च के नियमों की अनुपालना के साथ हो। आईसीएमआर की ओर से प्रकाशित नेशनल एथिकल गाईडलाईन्स के अनुसार मानव भागीदारी हो तथा इसमें पंजीकृत आयुष चिकित्सकों की सहभागिता के साथ ही अन्य सभी दिशा निर्देशों की पालना किया जाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में इन दिशा निर्देशों की अनुपालना के बिना किसी औषधी को कोविड-19 की औषधी के बारे में प्रचारित एवं बेचान करने वाले के विरूद्ध नियमानुसर कार्रवाई की जाएगी।
होगी नियमानुसार कार्रवाई —:
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के अनुमति के बिना ह्युमन ट्रायल भी नहीं किया जा सकता। बिना अनुमति के क्लिनिकल ट्रायल करके आम जन को गुमराह करने वाले के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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