उन्होंने बताया कि 21 अप्रेल, 2020 को जारी गजट नोटिफिकेषन के अनुसार कोविड-19 के सन्दर्भ में किसी भी संगठन को अनुसंधान करते समय साइन्टिफिक एडवाईजरी बॉडीज एवं इस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी से अनुमोदित होना चाहिए। क्लिनिकल ट्रायल परियोजना सीटीआरआई की ओर से पंजीकृत होने के साथ ही उनका सैम्पल साईज भी पर्याप्त हो, क्लिनिकल ट्रायल आयुष अथवा आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार हो तथा बायो मेडिकल एवं हैल्थ रिसर्च के नियमों की अनुपालना के साथ हो। आईसीएमआर की ओर से प्रकाशित नेशनल एथिकल गाईडलाईन्स के अनुसार मानव भागीदारी हो तथा इसमें पंजीकृत आयुष चिकित्सकों की सहभागिता के साथ ही अन्य सभी दिशा निर्देशों की पालना किया जाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में इन दिशा निर्देशों की अनुपालना के बिना किसी औषधी को कोविड-19 की औषधी के बारे में प्रचारित एवं बेचान करने वाले के विरूद्ध नियमानुसर कार्रवाई की जाएगी।
होगी नियमानुसार कार्रवाई —:
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के अनुमति के बिना ह्युमन ट्रायल भी नहीं किया जा सकता। बिना अनुमति के क्लिनिकल ट्रायल करके आम जन को गुमराह करने वाले के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।