गहलोत ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि के माैके पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि ओबीसी की जनसंख्या बढती जा रही है और वे ज्यादा आरक्षण की मांग भी कर रहे है। गहलोत ने कहा कि हम चाहेंगे कि इस बारे में नए सिरे से इसकाे देखें। किस प्रकार से हमें 27 फीसदी तक जाना है। एससी-एसटी का भी आरक्षण कहां तक ले जाना है क्यों कि उनकी जनसंख्या भी बढ़ती जा रही है, वो भी यहीं मांग कर रहे हैं कि आरक्षण का प्रतिशत बढ़ना चाहिए।
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गहलोत ने कहा कि ये तमाम काम हम कमीशन के माध्यम से करवाएंगे और इसमें किसी को राजनीति करने और माहौल खराब करने की जरूरत नहीं है। हमने तो जातिगत जनगणना कराने की भी बात कही है और सभी जातियों को इसका लाभ मिलना चाहिए और ये सरकार की ड्यूटी भी है।
पहले भी बढ़या था आरक्षण का दायरा
गहलोत ने कहा कि जब मैं पहली बार सीएम बना था तो ओबीसी का 21 फीसदी आरक्षण लागू हुआ। एससी-एसटी का आरक्षण डबल किया गया। एससी को 8 का 16 और एसटी को 6 का 12 फीसदी आरक्षण हमने किया था। गहलोत ने कहा कि हम आगे भी सोच-समझकर फैसला करेंगे।
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काम कानून सम्मत और पक्का हो
गहलोत ने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग इसको लेकर राजनीति कर रहे हैं। उनके दिलों में ओबीसी के प्रति कोई प्यार नहीं है। गहलोत ने कहा कि काम ऐसा होना चाहिए जो कानून सम्मत और पक्का हो। हमने देखा था कि एमबीसी आरक्षण में गुर्जर, राइका और बंजारों ने कितना लंबा संघर्ष किया, कितनी ही बार हाईकोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन तब भी हमारे तरीके से आज उनको 5 परसेंट आरक्षण मिल रहा है और हजारों लोगों की नौकरियां लग रही हैं। गहलोत ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के अंदर हमने सब शर्तें हटा दीं और अब इन्हें भी लाभ मिलने लगा है।