मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि थाने में आए हर फरियादी की सम्मान के साथ सुनवाई और एफआईआर दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हर परिवाद की
FIR दर्ज करने से दर्ज अपराधों की संख्या बढ़ती है तो इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारा प्रयास है कि हर पीड़ित को न्याय मिले और पुलिस के प्रति उसका नजरिया बदले।
गहलोत बोले, आमजन के साथ रहें फ्रेंडली गहलोत पुलिस मुख्यालय में पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि पुलिस का व्यवहार आमजन के साथ फ्रेंडली होना चाहिए। अगर कहीं से भी परिवाद दर्ज करने में आनाकानी या व्यवहार को लेकर शिकायत मिलती है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार की यह भावना हर थाने एवं चौकी तक पहुंचनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए हर थाने में स्वागत कक्ष बनाने के निर्देश दिए, जहां प्रत्येक परिवादी सम्मान के साथ अपना परिवाद दर्ज करा सके। सीएम गहलोत ने कहा कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि पुलिस के व्यवहार एवं वहां होने वाली गतिविधियों की भी प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि पुलिस के व्यवहार में बदलाव के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए और प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही इसे पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बजरी, खनन, भूमि चिटफण्ड आदि से जुड़े माफियाओं के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे मातहत पुलिसकर्मियों को ऎसे संगठित माफिया गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई के लिए प्रेरित करें एवं ऎसे मामलों पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस सम्बन्ध में किए जा रहे डिकॉय ऑपरेशनों को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
कस्टडी में मौत तो सख्त कार्रवाई सीएम गहलोत ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि पुलिस का काम सुरक्षा देना है। यदि पुलिस कस्टडी में ही मौत होती है तो दोषी पुलिसकर्मियों को केवल निलम्बित करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
CM हर चार माह में करेंगे पुलिस के काम की समीक्षा मुख्यमंत्री ने कहा कि एसपी अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के आचरण, व्यवहार एवं उनके कार्य का मूल्यांकन समय-समय पर कर इसकी रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को नियमित रूप से भेजें। इसी प्रकार आईजी अपनी रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों की रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को भेजें। प्रत्येक चार माह में मुख्यमंत्री के स्तर पर इनकी समीक्षा की जाएगी।