गहलोत ने वृद्धावस्था पेंशन के लंबित केसों के निस्तारण और राजस्थान संपर्क पोर्टल 181 में दर्ज शिकायतों के निस्तारण के समय पर निस्तारण नहीं होने पर 26 जिला कलेक्टर्स को सख्त हिदायत दी है। मुख्यमंत्री ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ आमजन को नहीं मिलने पर जयपुर, कोटा, नागौर, बीकानेर, जालौर, जोधपुर, भरतपुर और पाली के जिला कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई है।
परफॉर्मेंस के मामले में सबसे खराब रिपोर्ट जयपुर, कोटा, नागौर, बीकानेर, जालोर, जोधपुर, भरतपुर, पाली जिले की रही है। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के जिला कलेक्टर्स के रवैए पर नाराजगी जताई और इसके साथ ही शिकायतों के निस्तारण के लिए त्वरित गति से काम करने के दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलेक्टर को नसीहत देते हुए कहा कि जन शिकायत निवारण में देर न हो इसके लिए या तो उनके पास जो परिवादी आये और वे जो निर्देश दें उस पर तुरन्त कार्यवाही हो या उसे बताया जाए कि काम क्यों नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 65 बिंदुओं पर कलेक्टर के साथ संवाद किया।
सीएम गहलोत ने कहा कि नि:शुल्क दवा योजना में अनुपलब्धता का कोई शब्द नही होना चाहिए और दवाइयों का एडवांस स्टॉक रहना चाहिए ताकि, जरूरतमंद को मिले तुरंत दवा मिल सके। सीएम ने कहा पात्र और अपात्र कौन है इसकी जांच में समय नहीं गंवाया जाए।
खाद्यान्न आपूर्ति की सुनिश्चित की जाए, मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन और नरेगा के बजट की कोई कमी नहीं आनी चाहिए। दरअसल पंचायत चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स का रिपोर्ट कार्ड तलब कर साफ संकेत दिया है कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। सरकार का मकसद जनता को गुड गवर्नेंस देने के साथ-साथ जनता की समस्याओं का समय पर निस्तारण करने का है।