महाराष्ट्र दौरे से गुरूवार को जयपुर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भावनाओं का भी सम्मान होना चाहिए, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग फासिस्टवादी सोच हैं, इनकी सोच है कि देश में केवल एक पार्टी की सरकार बनी रहे और दूसरे दल डमी के तौर पर कागजों में चलते रहें।
गहलोत ने कहा कि हमारी लड़ाई न भाजपा से है और न ही आरएसएस, हमारी लड़ाई तो केवल विचारधारा और सिद्धांतों की है।
मुद्दे आधारित राजनीति हो
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा अभी भी देश में राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है, जबकि लड़ाई विचारधारा, नीतियों, और कार्यक्रमों की होनी चाहिए। जनता के लिए क्या करना चाहते हैं। राजनीति जनहित के मुद्दे और मुद्दा आधारित होनी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि जनता इनके झूठे नारो के झांसे में आ गई और इनकी सरकार बन गई। लेकिन जनता को भी इनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने जनता के लिए कौन-कौन से काम किए हैं।
परिवारवाद भाजपा में
परिवाद के मुद्दे पर बोलते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि परिवारवाद भाजपा के अंदर भी बहुत है, लेकिन किसी भी परिवार का व्यक्ति राजनीति में आना चाहता है तो कोई उसे रोक नहीं सकता, क्योंकि देश में लोकतंत्र है और चुनाव गुप्त मतदान से होता है, ऐसे में जनता जिसे चाहती है उसे जिता देती है। गहलोत ने कहा कि अब कोई राजशाही तो है नहीं कि राजा-रानी का पुत्र ही राजा बनेगा।