किसान शिवप्रकाश सहारण का कहना है कि इस समय पाला पड़ना किसानों के हरे-भरे खेतों की लूट जैसा है, अगर सर्दी का जमाव एक-दो दिन चला तो निश्चित रूप से सरसों की फसल पूरी तरह चौपट हो सकती है। दूसरी तरफ क्षेत्र में चने की फसल पर भी सर्दी का कहर साफ झलकने लगा है। किसान मंगत सहारण ने बताया कि इस समय सादुलशहर क्षेत्र में चने की बुआई काफी ज्यादा की हुई है, सिंचाई के पानी की कमी को देखते हुए अभी भी बड़ी संख्या में किसानों के खेतों में चने की फसल बिना पानी के खड़ी है, जिससे इस फसल पर कोल्ड अटैक होने से पौधों की बड़वार रुक गई है और फसल की पत्तियों पर बर्फ जमने से फसल पीली और कमजोर पड़ने लगी है। अगर सर्दी का कहर आने वाले सप्ताह में जारी रहा तो क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।
गौरतलब है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में भी प्रदेशभर में कोल्ड अटैक बना हुआ है। बीते सप्ताह मावठ के बाद अचानक मौसम ने पलटा खाया और प्रदेश के अधिकांश जिलों में रात का तापमान इकाई अंक में सिमट गया है। दिन में सर्द हवाएं धूजणी छुड़ा रही हैं तो रात में गलन के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के उत्तर पूर्वी इलाकों में सर्दी के तीखे तेवर बने रहने का अंदेशा है।
इतना ही नहीं, 30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिसके चलते भारी बर्फबारी होने के कारण आगामी दो फरवरी तक पंजाब, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में रात का तापमान 4 डिग्री के आसपास रहने का अंदेशा है।