संविदाकर्मियों का आरोप है कि सरकार घोषणा करके भी उन्हें स्थाई नहीं कर रही है। इसके अलावा उनका मानदेय भी नहीं बढ़ाया जा रहा है। अपना हक मांगने पर उन पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है। इसके विरोध में संविदाकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय किया है।
प्रदर्शन के बाद संविदाकर्मियों ने इस्तीफे की प्रतियां एकत्र की। एनआरएचएम संविदाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष आकाश झाझडिय़ा ने कहा कि सभी संविदाकर्मियों के इस्तीफे एकत्र कर 26 मार्च को जयपुर में एनआरएचएम के मिशन निदेशक को सौंपा जाएगा। शुक्रवार को 80 कार्मिकों ने संविदा पद से हटाने के लिए इस्तीफा दिया है।
झुंझुनूं में पीएम मोदी की सभा में जब वे अपनी मांग रखने गए थे। लेकिन भीड़ में किसी ने हंगामा कर दिया जिसकी सजा एनआरएचएम संविदाकर्मियों को दी जा रही है उन पर दमन की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस उनके साथियों को झूंठे मुकदमों में फंसा रही है जिसके विरोध में इस्तीफे का निर्णय लिया गया है। इस मौके पर संविदाकर्मी आकाश, नीतिन, महिपाल, मनोज, सुनीता, सुमन, यूद्धिष्ठिर, उस्मान चैनरूप आदि सहित दर्जनों संविदाकर्मी मौजूद थे।
संघ के प्रवक्ता राजकुमार पूनिया ने कहा कि पिछले साल 45 दिन की हड़ताल के बाद सरकार व विभाग के अधिकारियों के साथ समझौता हुआ था कि वर्ष 2013 में स्थगित की गई भर्ती बहाल कर दी जाएगी लेकिन आज तक बहाल नहीं की गई। 23 दिन से संविदाकर्मी हड़ताल पर हैं।