आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब ओल्ड एमआरईसी की बिल्डिंग को तोड़कर अफसरों के लिए फ्लैट बनाने की योजना को झटका लगा हो। जिस जमीन पर सरकार अफसरों के लिए मल्टीस्टोरी खड़ी करने की योजना बना रही थी वह जमीन सरकार के नाम है ही नहीं। एडीएम ने बताया कि जिस जमीन पर फ्लैट्स बनाए जाने की योजना बन रही है उसका कुछ हिस्सा जेडीए और कुछ एमआरईसी के नाम है। लेकिन जमीन का टाइटल विवादों में आने से पूरा मामला खटाई में पड़ गया।
टाइप-1 का फ्लैट करीब 250 वर्ग फीट का होगा
टाइप -3 में करीब 2000 वर्ग फीट जगह होगी
टाइप-2 का फ्लैट 1500 वर्ग फीट में बनेगा
टाइप-4 का फ्लैट 1000 वर्ग फीट का होगा