हालांकि 2009 में जरूर महापौर के सीधे चुनाव में कांग्रेस को विजय मिली लेकिन बोर्ड तब भी भाजपा का ही बन पाया था। वहीं लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी कांग्रेस के खिलाफ गए थे। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही पार्टी ने जयपुर शहर की आठ विधानसभा क्षेत्रों में से 5 पर जीत दर्ज की हो लेकिन उसके 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
एक मात्र आदर्श नगर में बची थी कांग्रेस की लाज
लोकसभा चुनाव में जयपुर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। महज आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस अपनी लाज बचा पाई थी। यहां मामूली अंतर से कांग्रेस को बढ़त मिली थी।
लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस को शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी उनमें विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी के निर्वाचन क्षेत्र हवामहल और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का सिविल लाइन क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में सवाल उठता है कि विधानसभा चुनाव के 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था तो आखिर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी किस तरह से अपना परचम फहरा पाएगी?
लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर हुई थी कांग्रेस की हार
लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस की हार हुई थी उनमें हवामहल, सिविल लाइंस, किशनपोल, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू और झोटवाड़ा है।
कहां-कहां पर भाजपा-कांग्रेस को मिले वोट
नगर निगम जयपुर ग्रेटर
विधानसभा क्षेत्र——-कांग्रेस———–भाजपा
विद्याधर नगर——-51366————169964
मालवीय नगर——-40013————106042
सांगानेर————50230————-160530
बगरू————–71696————-144789
झोटवाड़ा———–71117————-186911
नगर निगम जयपुर हैरिटेज
विधानसभा क्षेत्र——-कांग्रेस———–भाजपा
हवामहल————77087————-89287
सिविल लाइंस——-51135————-108014
किशनपोल———65403————–70926
आदर्श नगर——–83811————–78920
लोकसभा चुनाव में धारीवाल ही थे जयपुर के प्रभारी
वहीं दूसरी ओर सरकार ने भले ही हाल ही में जिलों के प्रभारी मंत्रियों को बदला हो, लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर का प्रभारी मंत्री बरकरार रखा। लोकसभा चुनाव में भी धारीवाल ही जयपुर के प्रभारी मंत्री थे और अब निगम चुनाव में भी धारीवाल ही हैं। ऐसे में निगम चुनाव में शांति धारीवाल की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।