पूनियां ने कहा कि 55 वर्षों तक शासन करने के बाद कांग्रेस को किसानों की अब सुध आई है, कांग्रेस से किसने मना किया था कि वो किसानों का कल्याण ना करे, सत्ता में रहते हुये कांग्रेस ने किसान कल्याण के लिये कार्य क्यों नहीं किए। मोदी सरकार किसान की उन्नति एवं कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही है। पूनियां ने कहा कि कांग्रेस किसानों को गुमराह कर भ्रम फैलाकर अपना चेहरा छुपाना चाह रही है, कृषि विधेयकों से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों से, खेती एवं खेती से जुड़े उद्योग धंधों से किसानों, नौजवानों एवं महिलाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पूनियां ने कहा कि 2003 में कर्नाटक में, 2007 में हरियाणा में, 2017 में पंजाब में अनेकों अवसरों पर अपनी सरकारों में कांग्रेस ने इस तरह के प्रावधानों पर काम किया है। पंजाब एवं हरियाणा में संविदा खेती कांग्रेस की सरकारों ने शुरू की थी। 2015 में भी मुख्यमंत्रियों की जो समितियां बनी थी, उसमें खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ व अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल थे। समिति जो चर्चा हुई, यह सारे बिन्दु उसमें शामिल थे, जो इन विधेयकों में है। मगर कांग्रेस देश के किसानों को बरगलाना चाहती है, इसके पीछे की कहानी पंजाब एवं बिहार का चुनाव या इस देश में कांग्रेस पार्टी की खुद की टूट को छुपाने के लिये यह अराजकता का खेल खेला है।