सुजानगढ़ और राजसमंद में अच्छी खासी संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाता हैं जिन्हें साधने की कवायद लगातार की जा रही है। तीनों ही विधानसभी सीटों पर पार्टी नेताओं को अल्पसंख्यक वर्ग को साधने का टास्क दिया गया है। ये नेता अल्पसंख्यक खासकर मु्स्लिम वर्ग के क्षेत्रों में जाकर उनके दुख-दर्द सुनकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी नेता जानते हैं कि उपचुनाव में अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है।
सुजानगढ़ में निर्णायक वोट है अल्पसंख्यक
दऱअसल उपचुनाव में कांग्रेस की अल्पसंख्यक वर्ग को साधने की कवायद के पीछे एक वजह यह भी है कि सुजानगढ़ सीट पर अल्पसंख्यक वर्ग के वोटर्स निर्णायक भूमिका में है यहां मुस्लिम मतदाता की संख्या 30 हजार से ज्यादा से । जो कहीं ना कहीं हार जीत के लिए में अहम रोल अदा करती है।
इसके अलावा राजसमंद 15,000 से ज्यादा और सहाड़ा में 12 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक मतदाता है। ऐसे में पार्टी की मंशा है कि अल्पसंख्यक वोट पार्टी से न छिटके। इसके लिए कांग्रेस ने अपने अल्पसंख्यक नेताओं को भी चुनाव ड्यूटी पर लगाया है।
सुजानगढ़ में बेनीवाल लगे रिझाने में
विश्वस्तों की माने तो सुजानगढ़ में रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल अल्पसंख्यक वर्ग को रिझाने में लगे हैं, वे लगातार अल्पसंख्यकों के बीच जाकर रालोपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील करते नजर आ रहे हैं।
कई मुद्दों पर नाराज हैं अल्पसंख्यक वर्ग
सूत्रों की माने तो प्रदेश का अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम मतदाता सरकार और संगठन के कई मुद्दों से नाराज हैं। दरअसल सबसे बड़ी नाराजगी की जो वजह है उनमें कैबिनेट में एकमात्र अल्पसंख्यक मंत्री का होना है। इसके अलावा 10 से ज्यादा अल्पसंख्यक महकमों में राजनीतिक नियुक्ति नहीं होने और मदरसा पैरा टीचरों और उर्दू टीचरों के पद समाप्त किए जाने से अल्पसंख्यक मतदाता नाराज हैं। इसे लेकर अल्पसंख्यक वर्ग कई बार सरकार के खिलाफ अपनी आवाज भी बुलंद कर चुका है।
महापौर चुनाव में भी खुलकर सामने आई नाराजगी
वहीं बीते साल प्रदेश में 6 नगर निगमों में हुए चुनाव में भी किसी भी एक निगम में अल्पसंख्यक वर्ग से महापौर नहीं बनाए जाने के बाद अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी खुलकर सामने आई थी इसे लेकर अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए अल्पसंख्यक नेताओं ने हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम पार्टी से भी संपर्क कर विधानसभा चुनाव में यहां से चुनाव लड़ने का न्य़ौता दिया था।
नाराजगी दूर करने की कवायद
इधर उपचुनाव में अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी पार्टी को भारी न पड़ जाए इसके लिए पार्टी ने अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी दूर करने का प्रयास करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने अपने अल्पसंख्यक नेताओं को आगे किया हुआ है। इनमें कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानूखान बुधवाली, पूर्व मंत्री मकबूल मंडेलिया, पूर्व सांसद अश्क अली टांक, पूर्व मंत्री दुरु मियां जैसे नेताओं को अल्पसंख्यकों की नाराजगी दूर करने की कमान सौंपी गई है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी लगातार अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी को लेकर फीडबैक ले रहे हैं।