तिलक नगर निवासी आशीष जोशी ने जुलाई 2019 में एक परिवाद दिया था। परिवाद के अनुसार उसने न्यू आतिश मार्केट स्थित ब्रांड फैक्ट्री से 2999 रुपए पर 40 प्रतिशत छूट पर जूते खरीदे थे। छूट के आधार पर उसकी कीमत 1799.40 रुपए होनी थी, लेकिन 1889.38 रुपए वसूले गए। परिवाद पर विपक्षी ने जवाब नहीं दिया। मंच ने आदेश दिया कि विपक्षी फर्म अधिक वसूले गए 89.98 रुपए नौ प्रतिशत ब्याज दर से और 5000 रुपए हर्जाने के रूप में परिवादी को अदा करें।
वहीं, सुदर्शनपुरा औद्योगिक क्षेत्र निवासी गंगासहाय शर्मा ने सोडाला स्थित लिबर्टी एक्सक्लूजिव शोरूम के विरुद्ध सितंबर 2017 में परिवाद दिया था। परिवादी ने बताया कि लिबर्टी द्वारा निर्मित सैंडिल की जोड़ी सोड़ाला स्थित शोरूम से खरीदी थी। जिसकी कीमत 1529.10 रुपए थी। 10 पैसे राउंड ऑफ करते हुए 1529 रुपए लेने के बजाया 1530 रुपए वसूले गए। आदेश में मंच ने कहा कि लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स के मुताबिक 10 पैसे को नीचे की ओर राउंड ऑफ किया जाना चाहिए था। परिवादी से एक रुपए अधिक वसूले गए। ऐसे में विपक्षी शोरूम ब्याज सहित 1 रुपए और 5 हजार रुपए हर्जाने के रूप में परिवादी को देवें।
इसी तरह अजमेर रोड आरके पुरम निवासी प्रदीप गुर्जर ने आकड़ यामाह मोटर्स के विरुद्ध जनवरी 2018 में परिवाद दिया था। परिवाद के अनुसार विपक्षी फर्म ने फ्री सर्विस होते हुए भी 745 रुपए फ्यूल इंजेक्टर क्लीनिंग एवं एफवन स्टेशन चैक के नाम पर वसूल किए थे। मामले में विपक्षी की ओर से ऐसे कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किए जिसके जरिए यह माना जाए कि दोनों कार्य फ्री सर्विस में नहीं आते हैं। मंच ने आदेश में विपक्षी फर्म को 745 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज दर से एवं 5 हजार रुपए हर्जाने के तौर पर परिवादी को देने का फैसला सुनाया।