निकल चुका था पृथ्वी की कक्षा से
मंगलवार को नासा के इस मिशन ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए फोटान इंजन को आखिरी बार जलाया था, ताकि कैपस्टोन पूरी तरह पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर चांद की ओर जाने वाले रास्ते में पहुंच सके। चांद के रास्ते में आने के बाद माइक्रोवेव के आकार का क्यूबसेट स्पेसक्राफ्ट से अलग हो गया और चांद की तरफ बढ़ रहा था। इसी दौरान उसका संपर्क टूट गया।
13 नवंबर तक होगा चांद के पास
अगर सब कुछ ठीक रहा तो कैपस्टोन के 13 नवंबर को चांद तक पहुंचने के आसार हैं। चांद के करीब पहुंचने के बाद यह उसके चक्कर लगाएगा। इसके डेटा का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक मून गेटवे लॉन्च करेंगे, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तरह चांद के चक्कर लगाएगा। आर्टिमिस मिशन के दौरान धरती से एस्ट्रोनॉट पहले यहां जाएंगे और यहां से उन्हें चांद पर उतारा जाएगा।