मंत्री ने कहा कि भर्तियां पारदर्शी व कायदे कानून से होनी चाहिए। इसी कड़ी में 6 हजार 310 कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर्स की भर्ती प्रकिया प्रारंभ कर दी गई है। इससे पहले 2500 कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर्स की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन कुछ खामियों के चलते प्रक्रिया को रोका। वर्तमान में 6310 कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर्स के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ शुरू की है। ताकि कोई सवालिया निशान भर्तियों पर नहीं लगे।
मंत्री ने कहा कि 765 चिकित्सकों को नियुक्ति दी जा चुकी है। 2 हजार मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। एमएनआईटी परीक्षा ने परीक्षा कराई। इससे संबंधित कुछ शिकायतें आने पर जांच कराई और उस परीक्षा को रद्द करवाकर दोबारा परीक्षा करवाने के निर्देश जारी किए। सभी भर्तियां पारदर्शिता और कायदे-कानून के साथ होंगी चाहिए ताकि चयन प्रक्रिया पर कोई प्रश्नचिन्ह ना लगा सके।
आरयूएचएस अस्पताल के चार गुना शैय्याओं को हाइफ्लो ऑक्सीजनयुक्त किया जाएगा ताकि गंभीर मरीजों के लिए तुरंत हाइफ्लो ऑक्सीजन आसानी से उपलब्ध करवाई जा सके। कोविड के मरीजों के लिए आरयूएचएस में ही 100 बैड का अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर भी बनाया जा रहा है। निम्स मेडिकल कॉलेज में 25 ऑक्सीजन युक्त बैड और 75 कोविड केयर बैड विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए निजी अस्पतालों को भी अधिगृहित किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 12 हजार 500 एएनएम और जीएनएम के अधिकतर पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रही है। रेडिग्राफर्स हो तकनीशियंस हों या अन्य पदों पर भर्ती हो, सभी को प्राथमिकता के साथ धरातल पर लाया जा रहा है।