पशुओं में बढ़ती है प्रतिस्पद्र्धा की भावना
पशु चिकित्सकों का कहना है कि समय पर भोजन नहीं मिलने पर न केवल श्वान बल्कि अन्य पशुओं में आपसी प्रतिस्पद्र्धा की भावना बढ़ जाती है। उन्हें जहां भी थोड़ा सा भी भोजन मिलेगा वह उस पर टूट पड़ेगे। हालांकि, भोजन के लिए उनके इंसानों पर हमला करने की आशंका कम है, क्योंकि आम तौर पर श्वानों की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि भोजन नहीं मिलने पर वे एक जगह पड़े.पड़े दम तोड़ देते हैं। जो लोग नियमित रूप से श्वानों को भोजन कराते हैं, श्वान हर रोज उसी समय उनका इंतजतार करते हैं। उन लोगों के नहीं आने से उनमें बेचैनी बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण लोग लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों से नहीं निकलने से पशु पक्षियों को भोजन की किल्लत हो गई।
हाईकोर्ट ने मांग जवाब
आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में भी लॉकडाउन के कारण पशु पक्षियों के लिए खाने की समस्या पैदा हो गई। नगर निगम ने इन पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था की है। इसके साथ ही पुलिस और अन्य कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इनकी मदद कर रही हैं। वहीं हाईकोर्ट ने भी पशुपालन विभाग और नगर निगम को इस संबंध में नोटिस जारी किया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ७ अप्रेल तक जवाब मांगा है। याचिका कर्ताओं का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान पशु पक्षियों के लिए दाना,खाना और पानी की उचित व्यवस्था नहीं है।
पशु चिकित्सकों का कहना है कि समय पर भोजन नहीं मिलने पर न केवल श्वान बल्कि अन्य पशुओं में आपसी प्रतिस्पद्र्धा की भावना बढ़ जाती है। उन्हें जहां भी थोड़ा सा भी भोजन मिलेगा वह उस पर टूट पड़ेगे। हालांकि, भोजन के लिए उनके इंसानों पर हमला करने की आशंका कम है, क्योंकि आम तौर पर श्वानों की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि भोजन नहीं मिलने पर वे एक जगह पड़े.पड़े दम तोड़ देते हैं। जो लोग नियमित रूप से श्वानों को भोजन कराते हैं, श्वान हर रोज उसी समय उनका इंतजतार करते हैं। उन लोगों के नहीं आने से उनमें बेचैनी बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण लोग लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों से नहीं निकलने से पशु पक्षियों को भोजन की किल्लत हो गई।
हाईकोर्ट ने मांग जवाब
आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में भी लॉकडाउन के कारण पशु पक्षियों के लिए खाने की समस्या पैदा हो गई। नगर निगम ने इन पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था की है। इसके साथ ही पुलिस और अन्य कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इनकी मदद कर रही हैं। वहीं हाईकोर्ट ने भी पशुपालन विभाग और नगर निगम को इस संबंध में नोटिस जारी किया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ७ अप्रेल तक जवाब मांगा है। याचिका कर्ताओं का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान पशु पक्षियों के लिए दाना,खाना और पानी की उचित व्यवस्था नहीं है।