मौजूदा स्थिति की बात करें तो राजधानी के रेस्टोरेंट में 50 फीसदी क्षमता के साथ खाना खिलाने की अनुमति है। रात दस बजे तक रेस्टोरेंट खोले जा सकते हैं। राहत की बात यह है कि शाम सात बजे तक के बाद से आॅनलाइन बुकिंग में इजाफा होता है और दिन में तुलना में दो से तीन गुना तक की वृद्धि तीन से चार घंटे में हो जाती है।
परिवार के साथ नहीं आ रहे लोग
सीकर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के संचालक मदन सिंह राजपुरा की मानें तो अभी रेस्टोरेंट के लिए समय अनुकूल नहीं है। पूरी तरह से आॅनलाइन बुकिंग पर ही निर्भर होकर रह गए हैं। फैमिली पिछले एक सप्ताह से रेस्टोरेंट पर नहीं आ रही हैं। यह शहर के अधिकतर रेस्टोरेंट की स्थिति है।
कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। शाम को लोग घरों से नहीं निकलते हैं। रेस्टोरेंट की रौनक गायब है। अब आॅनलाइन बुकिंग से ही उम्मीद है। हालांकि, उससे भी नुकसान भी भरपाई संभव नहीं है।
—कुलदीप चंदेला, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आॅफ राजस्थान
बंगलूरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में ड्रोन से डिलीवरी की शुरुआत जल्द होगी। यह डिलेवरी पासवर्ड आधारित होगी। ऑर्डर करने वाले को मोबाइल पर एक पासवर्ड मिलेगा। यह पासवर्ड डालने पर ही ड्रोन का स्मार्ट लॉकर खुलेगा। सीधे घर पर खाना पहुंचाएगा। पांच किलो तक सामान ले जाने की क्षमता होगी।
—रेस्टोरेंट संचालकों का नियमित रूप से आने वलो ग्राहकों से खास लगाव हो जाता है, उसकी कमी खल रही है।
—पूरे समय रेस्टोरेंट नहीं खुलेंगे तो किराया व कर्मचारियों को वेतन कैसे देंगे।
देश भर की ये स्थिति
—पिछले 2 वर्षों में 35% रेस्टोरेंट बंद हो गए।
—पहली दो कोविड लहरों के दौरान खाद्य व्यवसाय में 2.4 मिलियन नौकरियां चली गईं