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जयपुर

कोरोना ने बदली लाइफस्टाइल: बाहर खाने नहीं जा रहे, घर बैठे ही मंगवा रहे खाना

—50 फीसदी क्षमता के साथ रात 10 बजे तक चालू हैं रेस्टोरेंट, इसी समय तक होती है आॅनलाइन बुकिंग

जयपुरJan 13, 2022 / 09:51 pm

Ashwani Kumar

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जयपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से रात तक गुलजार रहने वाले रेस्टोरेंट पर अब रौनक नहीं दिख रही है। संक्रमण के बाद सरकार की पाबंदियों से राजधानी के रेस्टोरेंट्स पर काफी असर पड़ रहा है। लोगों ने रेस्टोरेंट पर आकर खाना बेहद कम कर दिया है। आॅनलाइन डिलीवरी से ही खाना मंगवा रहे हैं। सुबह नाश्ता से लेकर रात का खाना भी आॅनलाइन ही मंगवा रहे हैं। राजधानी भर के रेस्टोरेंट संचालक आने वाले दिनों में आॅनलाइन फूड डिलीवरी में उछाल की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
इसके पीछे रेस्टोरेंट संचालक मानते हैं कि पिछले 10—12 दिन से कोरोना के केस बढ़े तो लोगों ने रेस्टोरेंट में परिवार के साथ आना बंद कर दिया। घर पर ही खाना मंगवा रहे हैं।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो राजधानी के रेस्टोरेंट में 50 फीसदी क्षमता के साथ खाना खिलाने की अनुमति है। रात दस बजे तक रेस्टोरेंट खोले जा सकते हैं। राहत की बात यह है कि शाम सात बजे तक के बाद से आॅनलाइन बुकिंग में इजाफा होता है और दिन में तुलना में दो से तीन गुना तक की वृद्धि तीन से चार घंटे में हो जाती है।

परिवार के साथ नहीं आ रहे लोग
सीकर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के संचालक मदन सिंह राजपुरा की मानें तो अभी रेस्टोरेंट के लिए समय अनुकूल नहीं है। पूरी तरह से आॅनलाइन बुकिंग पर ही निर्भर होकर रह गए हैं। फैमिली पिछले एक सप्ताह से रेस्टोरेंट पर नहीं आ रही हैं। यह शहर के अधिकतर रेस्टोरेंट की स्थिति है।
आॅनलाइन से ही उम्मीद
कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। शाम को लोग घरों से नहीं निकलते हैं। रेस्टोरेंट की रौनक गायब है। अब आॅनलाइन बुकिंग से ही उम्मीद है। हालांकि, उससे भी नुकसान भी भरपाई संभव नहीं है।
—कुलदीप चंदेला, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आॅफ राजस्थान
बड़े शहरों में ड्रोन से होम डिलेवरी की तैयारी
बंगलूरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में ड्रोन से डिलीवरी की शुरुआत जल्द होगी। यह डिलेवरी पासवर्ड आधारित होगी। ऑर्डर करने वाले को मोबाइल पर एक पासवर्ड मिलेगा। यह पासवर्ड डालने पर ही ड्रोन का स्मार्ट लॉकर खुलेगा। सीधे घर पर खाना पहुंचाएगा। पांच किलो तक सामान ले जाने की क्षमता होगी।
खास—खास
—रेस्टोरेंट संचालकों का नियमित रूप से आने वलो ग्राहकों से खास लगाव हो जाता है, उसकी कमी खल रही है।
—पूरे समय रेस्टोरेंट नहीं खुलेंगे तो किराया व कर्मचारियों को वेतन कैसे देंगे।


देश भर की ये स्थिति
—पिछले 2 वर्षों में 35% रेस्टोरेंट बंद हो गए।
—पहली दो कोविड लहरों के दौरान खाद्य व्यवसाय में 2.4 मिलियन नौकरियां चली गईं

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