पिछले दो सप्ताह में कोरोना वायरस से अब तक सबसे ज्यादा असर फार्मा सेक्टर पर हुआ है। वित्तमंत्री को सेक्टर की ओर दी गई प्रस्तुति के अनुसार पैरासिटामॉल, आइबूप्रोफेन जैसी दवाओं का स्टॉक 15 दिनों तक चलेगा और अन्य दवाओं का दो से तीन महीनों तक। इंडियन ड्रग मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के महासिचव दारा पटेल का कहना है कि कच्चे माल आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं के चलते कुछ एंटीबयोटिक्स, विटामिन व अन्य दवाओं की कीमत 15-50 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
भुगतान की रसीदें नहीं मिल रहीं
मध्यम और लघु उद्योगों (एमएसएमई) की तरफ से बताया गया कि चीन से अभी तक कच्चे माल की आपूर्ति तो जारी है लेकिन भुगतान की रसीदें मिलने में देर हो रही हैं। ऐसे में बैंकों को अपनी गारंटी को और लचीला करना चाहिए।
वित्तमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्रालय के सचिव फिर से बैठक करेंगे ताकि जरूरी कदमों को तय किया जा सके। फिर पीएमओ से परामर्श के बाद उन पर फैसला लिया जाएगा।
‘कोरोना वायरस के कारण अब तक मूल्य वृद्धि के बारे में चिंता की बात नहीं। मेक इंडिया पर कोरोना वायरस से असर की बात करना जल्दबाजी होगी। सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे’
– निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री
वाणिज्य, सीमा शुल्क, बैंकिंग, बीमा, ऑटो, पेपर, इलेक्ट्रानिक्स, पेट्रोलियम, रसायन, ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा, बिजली, फार्मा क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारियों और फिक्की, सीआइआइस एसोचैम के वरिष्ठ पदाधिकारी।
वुहान से एक और एयरलिफ्ट के लिए तैयार भारत सरकार
भारत एक बार फिर चीन से भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करेगा। भारतीय दूतावास ने कोरोना वायरस प्रभावित चीनी प्रांत हुबेई में रहने वाले भारतीय नागरिकों से आग्रह किया है कि जो भी लोग वापस भारत लौटना चाहते हैं, वह संपर्क करें। दूतावास ने ट्वीट किया कि भारत सरकार इस हफ्ते के अंत में चिकित्सकीय राहत की खेप भेजने वाली है। यह फ्लाइट खेप पहुंचाने के बाद वापस लौटेगी। वुहान व हुबेई प्रांत में रहने वाले भारतीय नागरिक इस उड़ान से वापस आ सकते हैं, लेकिन इसमें जगह बहुत सीमित है।
राजस्थान: आधी से कम कैपेसिटी पर चल रहीं फैक्ट्रियां
कोरोना के कारण राजस्थान के कई उद्योग संकट में हैं। चीन से आयात बंद है, जिसके चलते राज्य की इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो कम्पोनेंट, प्लास्टिक, फर्नीचर, ज्वैलरी इंडस्ट्री आधी से कम कैपेसिटी पर चल रही हैं। फैक्ट्रियों में केवल एक शिफ्ट में काम हो रहा है।
छत्तीसगढ़: 1500 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित
कोरोना की वजह से प्रदेश में 1400 से 1500 करोड़ का व्यापार प्रभावित है। छत्तीसगढ़ के छोटे-बड़े कई उद्योग जो चाइना के उत्पादों पर निर्भर रहते हैं, जिसकी असेंबलिंग भारत में होती है। फार्मेसी भी बड़ा सेक्टर है, जिस पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
मध्यप्रदेश: लाभ घटा, लेकिन नहीं बढ़ेंगी कीमतें
कोरोना के कारण दवा निर्माण में चीन से आने वाले कच्चे माल की सप्लाई ठप हो गई है।?इससे फार्मा इंडस्ट्री की लागत बढ़ गई है, लेकिन दवाओं की कीमतों में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं हुई है। मतलब दवा निर्माताओं का मुनाफा कम हो गया है।