प्रदेश भर से 172 जनता क्लीनिक खोले जाने हैं, लेकिन ये योजना जयपुर से बाहर तक नहीं निकल पाई है। उल्टा जयपुर में भी रेंग ही रही है। चिकित्सा विभाग के पास अकेले जयपुर के लिए 50 जनता क्लीनिकों की मांग लंबित है। अब तक मात्र 12 ही खुल सके हैं। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का तर्क है कि कोरोना ने इन्हें खोलने को लेकर ब्रेक लगा दिया है। ये तर्क भी गले इसलिए नहीं उतरता, क्योंकि सरकार ने पूरा फोकस जब स्वास्थ्य क्षेत्र पर कर रखा है, तो क्या इसमें ये क्लीनिक शामिल नहीं हैं? इस योजना के तहत कच्ची बस्तियों व वंचित इलाकों को लाभ दिलाने की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद 5 माह तक सरकार की गति दुरुस्त रही और 12 क्लीनिक खोले, लेकिन संख्या इसके आगे नहीं बढ़ सकी।
कोरोना संक्रमण के रोजोना जारी हो रहे आंकड़े राहत दे रहे हैं। हालांकि तीसरी लहर की आशंका को लेकर पुख्ता तौर पर कोई मनाही नहीं कर रहा है। कई देश अब भी कोरोना की पीड़ा झेल रहे हैं और हमारे केरल में भी कोरोना प्रताड़ित कर रहा है। यदि तीसरी लहर की तैयारी को देखते हुए सरकार चेते और जगह-जगह जनता क्लीनिक खोले, को निश्चित तौर पर प्राथमिक इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में भीड़ नहीं लगेगी। वहां बड़े अस्पताल भीड़ से हांफेंगे नहीं और कोरोना के गम्भीर मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से हो सकेगा।