राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार प्रत्येक राज्य को उनकी मांग व आवश्यकता के अनुसार कोरोना टीके की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है और बिना किसी भेदभाव के वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी कई बार कह चुके हैं कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है और भारत सरकार सभी राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करा रही है। लेकिन मुख्यमंत्री कोरोना वैक्सीन की कमी की बात बार-बार दोहराकर आमजन के मन में वैक्सीनेशन को लेकर विश्वास कम कर रहे हैं जिससे लोगों में भय व आशंका की स्थिति बढ़ गई है।
राठौड़ ने कहा कि मौजूदा समस्या कोरोना वैक्सीन डोज की कमी की नहीं वरन राज्य में सुनियोजित ढंग से टीका लगाने और वैक्सीन की सुरक्षा करने की है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के कथित कोरोना प्रबंधन की सच्चाई तब सामने आ गई जब सरकार की नाक के नीचे जयपुर स्थित सरकारी अस्पताल से कोरोना वैक्सीन की 320 डोज चोरी हो गई जो देश के इतिहास में पहली घटना है। कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर महीने में औसतन 2-3 बार बयानबाजी करने वाले मुख्यमंत्री अब वैक्सीन चोरी के मामले पर मौन धारण किए हुए हैं। कोरोना वैक्सीन की चोरी की घटना से राज्य सरकार के ”राजस्थान सतर्क है” के दावे की पोल खुल गई है। कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के कथित बेहतर प्रबंधन एवं वैक्सीन की सुरक्षा के लिए वाकई सरकार बधाई की पात्र है।