जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि परकोटे में कर्फ्यू में छूट नहीं मिलने के कारण किराने, मेडिकल, सब्जी व दुध की सप्लाई के अलावा सभी तरह की व्यापारिक गतिविधियां पिछले 58 दिनों से बंद है। बाहरी बाजारों में 80 से 90 फीसदी दुकानें खुली। दुकानों पर स्टाफ भी बहुत कम आया। ज्यादातर दुकानों पर ग्राहकी नहीं होने से व्यापारियों का साफ सफाई में ज्यादा ध्यान रहा। व्यापारियों ने सरकार द्वारा जारी की गई सोशल डिस्टेंस की एडवाइजरी का पूरा-पूरा ध्यान रखा। व्यापार महासंघ द्वारा भी सोशल डिस्टेंसिंग के संबंध में पूरी जानकारी दी गई।
जयपुर व्यापार महासंघ के महामंत्री सुरेंद्र बज ने बताया की लॉकडाउन के चौथे चरण के दूसरे दिन जयपुर में 58 दिन बाद चारदीवारी के अलावा सभी जगह सभी तरह का व्यवसाय करने वाली दुकानें खुली। जयपुर में 1 लाख 40 हजार दुकानों में से बाजारों में लगभग 85 हजार दुकानें खुली, लेकिन कारोबार का वॉल्यूम बहुत कम रहा। मार्केट का टर्नओवर बहुत कम रहा, आमदिनों में जयपुर में लगभग 1000 करोड़ का व्यापार होता है, वहीं मंगलवार को 100 करोड से भी कम का टर्नओवर रहा।
एमआई रोड व्यापार मंडल महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि 80 फीसदी बाजार खुला, लेकिन व्यापारियों का पूरा समय साफ—सफाई में निकल गया। करीब 10 फीसदी कारोबार हुआ। व्यापारी सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर आए। अब दुकानदार ग्राहकों को दुकानों व प्रतिष्ठानों में प्रवेश से पहले सेनेटाइज करवाकर ही प्रवेश दिलाएंगे। मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। मास्क लगाने के बाद ही दुकानों में प्रवेश कराया जाएगा। एमआई रोड पर दो माह में दो तरफा यातायात था, लेकिन लॉकडाउन में छूट देते ही वन—वे कर दिया, सरकार को वन—वे में छूट देनी चाहिए, जिससे बाजार में ग्राहकी बढे।
जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सांचोरा ने बताया कि मॉल्स को लेकर संशय रहा, वैशाली नगर में बडे मॉल्स नहीं खुले, हालांकि छोटे मॉल्स खुले है। बाहरी बाजारों में 80 से 90 फीसदी दुकानें खुली, कारोबार ना के बराबर हुआ, ग्राहक नहीं आए। दिनभर दुकानें खाली रही। सरकार मॉल्स की परिभाषा साफ करें, किसे मॉल्स मानें, बाहरी बाजारों बडी—बडी बिल्डिंगों में दुकानें बनी हुई है।