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जयपुर

प्रदेशभर के ब्लड बैंकों में ब्लड की भारी कमी, कई जिलों के ब्लड बैंकों में नहीं बचा रिजर्व ब्लड

covid-19 : जयपुर -जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन ( Lockdown ) का असर प्रदेशभर के बल्ड बैंको पर भी दिखने लगा है। ( Corona virus ) कोरोना के चलते इन दिनों प्रदेशभर के अस्पतालों में ब्लड की भारी कमी शुरू हो गई है। प्रदेशभर के विभिन्न बल्ड बैंकों में खून की कमी देखी जा रहीं है । कई जिलों के ब्लड बैंको में तो 20 से 30 यूनिट ही ब्लड रहा गया है जबकि कई ब्लड बैंको में तो कई ब्लड ग्रुप का ब्लड बचा ही नहीं ।

जयपुरMar 30, 2020 / 07:59 am

Kartik Sharma

Corona virus,SMS Blood bank Lock down Public curfew

Lack of technician in government blood bank, lock up, patient dependent on private blood bank in emergency

covid-19 : जयपुर -जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन ( Lockdown ) का असर प्रदेशभर के बल्ड बैंको पर भी दिखने लगा है। ( Corona virus ) कोरोना के चलते इन दिनों प्रदेशभर के अस्पतालों में ब्लड की भारी कमी शुरू हो गई है। प्रदेशभर के विभिन्न बल्ड बैंकों में खून की कमी देखी जा रहीं है । कई जिलों के ब्लड बैंको में तो 20 से 30 यूनिट ही ब्लड रहा गया है जबकि कई ब्लड बैंको में तो कई ब्लड ग्रुप का ब्लड बचा ही नहीं । ब्लड कम होने से सबसे अधिक दिक्कत थैलेसीमिया मरीजों के लिए आ सकती है जिनको हर रोज ब्लड की आवश्यकता रहती है । अगर विभिन्न जिलों के ब्लड बैंको में वर्तमान में ब्लड की स्थिति की बात करें तो-
डूंगरपुर– डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में फिलहाल सिर्फ 24 यूनिट रक्त बचा है। आम दिनों में 200 यूनिट रहता है। ब्लड बैंक में बी पॉजिटिव, ए नेगेटिव , एबी पॉजिटिव व नेगेटिव का स्टॉक तो शून्य है।
सीकर जिले की बात करें तो यहां कल्याण अस्पताल में बने सरकारी ब्लड बैंक की क्षमता 600 यूनिट की है और यहां शनिवार को 370 यूनिट ब्लड संग्रहित रहा। ब्लड बैंक में सामान्य दिनो में साढे चार सौ यूनिट तक रक्त संग्रहित किया जाता है। ब्लड बैंक में थैलेसिमिया के मरीजो को निशुल्क ब्लड दिया जा रहा है।
धौलपुर जिले में स्थित राजकीय सामान्य चिकित्सालय के ब्लड बैंक में अमूमन 100 यूनिट ब्लड रहता है, लेकिन वर्तमान में मात्र 30 यूनिट रक्त ही उपलब्ध है।

नागौर जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल के ब्लड बैंक में 750 यूनिट रक्त की स्टोरेज क्षमता है। एबी नेगेटिव ग्रुप को छोडकऱ सभी ग्रुप का पर्याप्त मात्रा में रक्त है। आने वाले दिनों में होने वाली आवश्यकता को देखते हुए ब्लड बैंक प्रभारी ने शहर की संस्थाओं से बात की है, जिन्होंने इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि वे जरूरत पड़ने पर रक्त उपलब्ध करवा देंगे।
प्रतापगढ़ जिला चिकित्सालय में स्थित ब्लड बैंक में अभी डेढ़ सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध है। सामान्य तौर पर 100 से डेढ़ सौ यूनिट की उपलब्धता रहती हैं। जिले में 15 रोगी थैलेसीमिया से ग्रसित है। ऐसे में इनको समय पर ब्लड उपलब्ध कराने के लिए यूनिट आरक्षित रखी जाती है।
कोटा जिले के एमबीएस अस्पताल ब्लड बैंक में रोजाना 80 से 90 यूनिट की जरूरत रहती है, लेकिन वर्तमान में 50 से 60 यूनिट उपलब्ध हो रहा है। थेलेसीमिया पीड़ितों को कोई दिक्कत नही आ रही है, उन्हें पर्याप्त रक्त मिल रहा है। निजी ब्लड बैंकों में भी पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ एच एल मीणा ने बताया कि मीणा ने बताया कि राजस्थान पत्रिका की पहल पर लोकडाउन के बावजूद भी कोटा ब्लड बैंक की एंबुलेंस गाड़ी रोजाना शहर में घूम रही है, अलग-अलग इलाकों में लोग दो से पांच लोग रक्तदान कर रहे हैं, ऐसे में शहर से रोजाना 40 से 50 मिनट मिल रहा है। ब्लड बैंक में 1 अप्रैल तक की बुकिंग हो चुकी है उन्हें 15 अप्रेल तक शहर की जनता से रक्तदान के लिए सहयोग की अपील की है।
जैसलमेर के राजकीय जवाहर चिकित्सालय में एकमात्र ब्लड बैंक है। वर्तमान में इसमें करीब 70 यूनिट ब्लड उपलब्ध है, जो सामान्य दिनों के समान है। आने वाले दिनों में खून की कमी आ सकती है क्योंकि इन दिनों किसी तरह के रक्तदान शिविर नहीं लग रहे। वर्तमान में थैलिसीमिया रोगियों को रक्त मिलने में अभी कोई परेशानी नहीं है।
जयपुर के एसएमएस अस्पताल की बात करें तो यहां अभी रिजर्व ब्लड से काम चलाया जा रहा । ब्लड बैंक HOD डॉक्टर अमित शर्मा ने बताया अस्पताल के ब्लड बैंक से रोजाना 40 से 50 थैलेसीमिया मरीजों को बिना रिप्लेसमेंट के ब्लड देना होता है । अभी तक देशभर में लगने वाले रक्तदान शिविर से इसकी जरूरत पूरी हो जाती थी। लेकिन पिछले एक माह से वायरस के चलते रक्तदान शिविरनहीं लग रहे ऐसे में अगर आने वाले समय में कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों को खून की जरूरत पड़ती है तो ब्लड की कमी देखी जा सकती है ।

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