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किसानों के लिए परेशानी बना कपास, इस वजह से हो रही है परेशानी

Cotton cultivation : कपास किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। किसानों की परेशानी का आलम यह है कि उन्हें कपास खरीद के सरकारी दामों से कम कीमत पर बाजार में कपास बेचने के लिए…

जयपुरDec 10, 2019 / 05:52 pm

Ashish

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किसानों के लिए परेशानी बना कपास, इस वजह से हो रही है परेशानी

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cotton cultivation : कपास किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। किसानों की परेशानी का आलम यह है कि उन्हें कपास खरीद के सरकारी दामों से कम कीमत पर बाजार में कपास बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कपास में नमी होने के साथ ही आवक की तुलना में सरकारी खरीद के कम होने के कारण ऐसा हो रहा है। सरकारी खरीद के अभाव में कपास की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन स्थितियों में कपास जिसे सफेद सोना कहा जाता है कि किसानों को खास राहत नहीं दे पा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय कपास निगम लिमिटेड ने कपास की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू की, लेकिन 24 नवंबर तक महज दो लाख गांठ कपास ही खरीदा गया। एक गांठ में 170 किलो कपास आता है। ऐसे में कपास की हुई सरकारी खरीद कुल आवक की तुलना में बेहद कम है। कपास की खरीद आवक की तुलना में करीब 6 फीसदी ही बताई जा रही है। ऐसे में कपास की खेती करने वाले किसानों को बाकी उपज को बाजार में कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

कम दाम पर बेचने को मजबूर
परेशान किसानों का कहना है कि उन्हें बाजार में कम दाम पर कपास बेचना पड़ रहा है। ऐसे में ये घाटे का सौदा साबित हो रहा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने चालू कपास सीजन 2019-20 के लिए लंबे रेशे वाले कपास का एमएसपी 5,550 रुपए प्रति क्विंटल और मध्यम रेशे के कपास का 5,255 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। केंद्र सरकार भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) के माध्यम से कपास खरीदती है। देशभर में 225 मंडियों के जरिए कपास की सरकारी खरीद की जाती है।
अब तक हुई इतनी आवक
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस सीजन में 24 नवंबर तक 32 लाख गांठ कपास की आवक चुकी है, लेकिन कपास की सरकारी खरीद की बात करें तो करीब दो लाख गांठ कपास ही खरीदा गया है। तेलंगाना राज्य में सबसे ज्यादा 1.20 लाख गांठ कपास की खरीदी की गई है। इसके अलावा 22 हजार गांठ पंजाब से, 19 हजार गांठ राजस्थान से, 13 हजार गांठ गुजरात से और 12 हजार गांठ हरियाणा से खरीदी गई है। कपास में नमी के कारण भी कपास की सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है।
ज्यादा नमी भी बनी परेशानी
किसानों से सिर्फ निर्धारित मापदंडों पर ही कपास खरीदा जा रहा है। किसानों से 12 फीसदी से ज्यादा नमी वाला कपास नहीं खरीदा जा रहा है। आपको बता दें कि कई स्थानों पर बेमौसम बारिश से कपास की उपज में नमी बढ़ गई। आपको बता दें कि चालू फसल सीजन में कपास का कुल उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ हो सकता है। इससे पहले की फसल सीजन में कपास की कुल पैदावार 322.67 लाख गांठ ही हुई थी। वहीं अगर बुआई की बात करें तो इस साल कुल 127.67 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई है जबकि पिछले साल यह रकबा 121.05 लाख हेक्टेयर ही था।

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