प्रदेश में साल 2020 के दौरान 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की संख्या 6 हजार पांच सौ से भी ज्यादा है। राजस्थान से आगे सिर्फ चार राज्य हैं जो जनसंख्या के आधार पर भी ज्यादा है। बच्चों से होने वाले अपराधों में सबसे आगे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चैथे नंबर पर वेस्ट बंगाल हैं। राजस्थान में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा यौन अपराधों की संख्या है। बड़ी बात ये है कि साल के अंत तक प्रदेश में बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए केसेज में सिर्फ आधे ही जांचे जा सके हैं।
बच्चों के खिलाफ दर्ज होने वाले यौन अपराधों मंे राजस्थान देश के किसी भी राज्य से सबसे आगे है। देश के 28 राज्यों में रेप की धारा 376 में पूरे एक साल के दौरान 2590 केस दर्ज हुए हैं। इनमें अकेले राजस्थान में इनकी संख्या 1279 है। यानि देश के आधे मुकदमें तो सिर्फ एक ही राज्य में दर्ज हुए हैं। राजस्थान के बाद आंध प्रदेश 577 केस, उत्तर प्रदेश 204 केस, हिमाचल और झारखंड 198 और 116 केस के साथ हैं। कई राज्यों में तो पूरे साल में ही रेप का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है।
सरकार ने शादी करने की लडकियों की उम्र 18 साल की है लेकिन उसके बाद भी कम उम्र की बच्चियों के साथ जबरन शादी करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। प्रदेश भर में इस तरह के ग्यारह हजार से ज्यादा केसे साल 2020 में सामने आए हैं। इनमें भी राजस्थान देश के टाॅप छह राज्यों में है। एक साल के दौरान राजस्थान से 399 बच्चियों का अपहरण कर लिया गया शादी करने के लिए। बिहार और उत्तर प्रदेश में यह संख्या सबसे ज्यादा है।
प्रदेश भर में इस साल शुरुआती दस महीनों के दौरान ही बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के पांच हजार 800 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें यौन अपराध के मामले सबसे ज्यादा हैं। उसके बाद बच्चों के अपहरण के केस हैं और फिर शादी के लिए बच्चियों को जबरन ले जाने के मामले भी हैं। स्कूल खुलने के साथ ही बच्चियों के साथ होने वाली ईव टीजिंग के केस भी शुुर हो गए हैं।