पीड़ित के मोबाइल पर 23 जून को वाइ-फाइ टावर लगाने का मैसेज आया। पीडि़त ने इसके लिए एक कंपनी से संपर्क किया। कंपनी प्रतिनिधि ने कहा कि आप अपने खाली प्लाट पर टावर लगाएंते तो कंपनी 60 हजार रुपए मासिक किराया और एक व्यक्ति को नौकरी देगी। 25 जून को कंपनी का प्रतिनिधि बनकर रमेश नाम के व्यक्ति ने पीडि़त को फोन किया। उसने कहा कि कंपनी 45 लाख रुपए एडवांस देगी। इसके लिए 1500 रुपए का रजिस्टे्रशन फीस के जमा करवानी होगी। पीड़ित ने रजिस्टे्रशन फीस जमा करवा दी।
इसके बाद व्यक्ति ने पीड़ित के मोबाइल पर डॉक्यूमेंट भेजे और कहा कि एनओसी क्लीयर करने के लिए 24900 रुपए जमा करवाओ। पीड़ित झांसे में आ गया और उसने रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद व्यक्ति ने पैमेंट ट्रांसफर फॉर्म के नाम पर 18740 रुपए जमा करवा लिए। बाद में जब और पैसों की मांग की गई तो पीडि़त ने मना कर दिया। इसके बाद बदमाश ने फोन बंद कर लिया।
इधर कार्ड बदलकर 41 हजार रुपए निकाले एटीएम बूथ पर रुपए निकालने गए युवक को बातों में लगाकर बदमाश ने एटीएम कार्ड बदलकर 41 हजार रुपए निकाल लिए। युवक ने जब कार्ड देखा तो वह किसी रतन देवी के नाम से निकला। सोडाला थाना इलाके का मामला है। पुलिस ने बताया कि स्टेशन रोड निवासी शिम्भूदयाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। 16 सितंबर को पीडि़त ने ऑफिस कर्मचारी को पैसे निकालने के लिए एटीएम कार्ड दिया। कर्मचारी हडवाड़ा रोड स्थित एसबीआइ के एटीएम बूथ पर गया।
वहां पैसे निकालने की कोशिश की। पीछे खड़े एक युवक ने कर्मचारी से कहा कार्ड काम नहीं कर रहा और उसने चैक करने के बहाने कार्ड ले लिया। बातों ही बातों में उसने कार्ड बदलकर वहां से चला गया। थोड़ी देर बाद में परिवादी के मोबाइल में 40 हजार रुपए निकलने का मैसेज आया। इस पर परिवादी को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।