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जयपुर

पटरी से उतरी कानून व्यवस्था, कांग्रेस शासन में राजस्थान बना ‘अपराधिस्थान’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो घटित हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा ? गहलोत के शासन में राजस्थान ‘अपराधिस्थान’ बन गया है। क्या इन सब घटनाओं की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री अशोक गहलोत की नहीं है ?

जयपुरAug 31, 2021 / 06:37 pm

Umesh Sharma

पटरी से उतरी कानून व्यवस्था, कांग्रेस शासन में राजस्थान बना 'अपराधिस्थान'

पटरी से उतरी कानून व्यवस्था, कांग्रेस शासन में राजस्थान बना ‘अपराधिस्थान’

जयपुर।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो घटित हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा ? गहलोत के शासन में राजस्थान ‘अपराधिस्थान’ बन गया है। क्या इन सब घटनाओं की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री अशोक गहलोत की नहीं है ?
पूनियां ने कहा कि झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि, अलवर में हरीश जाटव, दौसा में शंभु पुजारी जैसे दर्जनों निर्दोंष लोगों के साथ हुई लिंचिंग की घटनाएं राजस्थान में कानून व्यवस्था की बदहाली का सबूत है। मगर गहलोत अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए दूसरे प्रदेश की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देकर अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने में लगे रहते हैं। हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में ढाई वर्षों में राजस्थान में जंगलराज व्याप्त हो गया है। अच्छा हो कि मुख्यमंत्री दूसरे प्रदेशों पर राजनीतिक बयानबाजी के बजाय प्रदेश में घट रही इस तरह की अमानवीय घटनाओं पर अगर कार्रवाई व रोकथाम करेंगे तो प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम हो सकेगी। मगर हालात उलट हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है।
सीएम की पहली प्राथमिकता अपनी कुर्सी बचाना

उन्होंने कहा कि गहलोत की प्राथमिकता अपनी कुर्सी बचाना है। जयपुर जिले में एक 4 साल की बच्ची का अपहरण कर रेप के बाद हत्या कर दी गई, वहीं अलवर जिले में भी एक युवती का अपहरण कर गैंगरेप किया गया। अशोक गहलोत, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दूसरे राज्यों में अपराध नजर आते हैं, लेकिन उन्हें राजस्थान में बहन-बेटियों व दलित-आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते हैं।
हर अपराध में हुई बढ़ोतरी

उन्होंने कहा कि राज्य में अनूसूचित जाति की महिलाओं और बच्चियों के प्रति दुष्कर्म के मामलों में 5.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, लूट के मामले 78 प्रतिशत बढ़े, दुष्कर्म के मामलों में 23.89 प्रतिशत बढ़ोतरी, चोरी के मामलों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी से स्पष्ट है कि प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।
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