दीनदयाल पायक, पशु चिकित्सा सहायक, सहवाज पाली आशा राम मीणा, पशुधन सहायक, रयावता, टोंक
महिपाल, पशु चिकित्सा सहायक,प्रतापगढ़ गौरव, पशुधन सहायक, डीग, भरतपुर
वीरभद्र सिंह खरवड़, पशु चिकित्सा सहायक, उदयपुर
गोमा राम जाट, पशुधन सहायक, लूणवा, नागौर प्रेम सिंह गहलोत, पशु चिकित्सा सहायक,मगरा पूंजला, जोधपुर
इंदुबाला शर्मा, पशुधन सहायक, पहाडग़ंज, अजमेर ओमप्रकाश लिलेरिया, पशुधन सहायक, कनवास, टोंक
कांतिलाल डामोर, पशुधन सहायक,बांसवाड़ा
डॉ.मृगराज सैनी, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी,बांदीकुई, दौसा गिराज गुर्जर, पशुधन सहायक, मेड़, जयपुर
आरडी मिश्रा, उपनिदेशक, अजमेर धर्मचंद, पशुधन सहायक, गोपालपुरा, चित्तौडगढ़़
डॉ. राजेश शर्मा,पशु चिकित्सा अधिकारी, सांकड़ा,, जैसलमेर
सोहन लाल खराड़ी, पशुधन परिचर, उदयपुर सुरेश शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, चित्तौडगढ़़ लंबे समय से कर रहे थे मांग गौरतलब है कि गत वर्ष कोविड के चलते प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया था, उस दौरान भी विभाग के कार्मिक लगातार काम रहे थे। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ तभी से कार्मिकों को सुरक्षा संसाधन मास्क, सैनेटाइजर, ग्लव्ज आदि उपलब्ध करवाए जाने की मांग कर रहा था। संघ का कहना था कि कार्मिक अपनी जान खतरे में डाल कर काम कर रहे हैं। अब एक बार फिर कोविड की दूसरी स्ट्रेन में वहीं स्थिति पैदा हो गई है। इस समय भी संघ ने सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाए जाने की मांग की थी, तकरीबन 10 कार्मिकों की मौत के बाद पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश दिए लेकिन अभी भी प्रदेश के सभी पशु चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा संसाधन मास्क, सेनेटाइजर, ग्लव्ज नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन कार्मिक फिर भी विभागीय दायित्व निभा रहे हैं साथ ही कई जिलों में कार्मिकों की सेवाओं को अधिगृहित किया जा चुका है ऐसे में कार्मिक कोविड संबंधी ड्यूटी भी निभा रहे हैं।