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जयपुर

वर्क डायरी नहीं, अब ई-डायरी का कल्चर

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने आर्टिकलशिप को आसान बनाने के लिए पहल

जयपुरJul 18, 2018 / 05:28 pm

Aryan Sharma

Jaipur

वर्क डायरी नहीं, अब ई-डायरी का कल्चर

जयपुर . इस डिजिटल युग में हर एजुकेशन इंस्टीट्यूट डिजिटाइजेशन पर फोकस कर रही हैं। लिहाजा द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) का भी फोकस डिजिटाइजेशन पर दिखाई देने लगा है। इसकी एक खास बानगी इंस्टीट्यूट की नई पहल से नजर आने वाली है। इसके तहत प्रोफेशनल स्किल्स को डवलप करने और आर्टिकलशिप को आसान बनाने के लिए स्टूडेंट्स ई-डायरी में अपने वर्क को फीड कर सकते हैं। इससे पहले आर्टिकलशिप की वर्क डायरी मेंटेन करने का कल्चर था। इसमें स्टूडेंट्स अपने असाइनमेंट, उसे सॉल्व करने की प्रक्रिया संबंधी जानकारी को लिखते थे ताकि उन्हें अपने वर्क के बारे में पता रहे, साथ ही उनकी नॉलेज भी बढ़े।
वर्क डायरी का लिंक किया जनरेट
स्टूडेंट्स ई-डायरी में अपने असाइनमेंट (वर्क) को फीड कर सकें, इसके लिए इंस्टीट्यूट ने इसका लिंक वर्कडायरी डॉट आईसीएआई डॉट ओआरजी बनाया है। इसका फॉर्मेट भी ऐसा बनाया है, जिसमें स्टूडेंट्स डिटेल में अपने वर्क को डिस्क्राइब और फीड कर सकता है और डिजिटली सेव होने के कारण आर्टिकलशिप के बाद भी जरूरत पडऩे पर इसका रेफरेंस ले सकता है। स्टूडेंट और एम्प्लॉयर, दोनों को इसके लिए वेवसाइट पर लॉगइन आइडी पासवर्ड बनाने होंगे।
डे टु डे वर्क कर सकते हैं एनालाइज
सीकासा चेयरमैन निलेश गुप्ता का कहना है कि इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को जोडऩे के साथ लाइव मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम को डवलप करना है ताकि स्टूडेंट और एम्प्लॉयर, दोनों की सहूलियतें बढ़े। यहां दोनों डे टु डे वर्क को देखने के साथ एनलाइज भी कर सकते हैं। साथ ही इसमें एमएमएस और ई-मेल की सुविधा भी दी गई है, जिससे ऑनलाइन स्टूडेंट को असाइनमेंट दिया जा सकेगा।
यह पहल न सिर्फ इंस्टीट्यूट को डिजिटल इंडिया से ज्यादा से ज्यादा सशक्त ढंग से जोडने में कारगर होगी बल्कि स्टूडेंट्स भी अपनी वर्क डायरी डिजिटली मेंटेन कर पाएगे। इस तरह के प्रयास से पर्यावरण को बचाने में स्टूडेंट्स को योगदान भी हो सकेगा।
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