केस नं. 1 जयजवान कॉलोनी निवासी तेजपाल सिंह जोधा ने बजाज नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पीड़त ने बताया कि उसने गूगल पे के जरिए किसी को रुपए ट्रांसफर किए थे, लेकिन वह प्रोसेसिंग बता रहा था। इस पर उन्होंने कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज करवाने के लिए फोन किया। थोड़ी देर बाद में कस्टमर केयर प्रतिनिधि का फोन आया। उसने पीड़त से कहा आपके मोबाइल पर कुछ मैसेज भेजे हैं, इन्हें फॉरवर्ड करोगे, तो रुपए वापस आ जाएंगे। पीड़त ने दिए गए नंबरों पर मैसेज को फॉरवर्ड किए। इसके कुछ देर बाद पीड़त के खाते से कई बार में एक लाख रुपए (
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केस नं. 2 तरूछाया नगर टोंक रोड, सांगानेर निवासी संजय कुमार ने बताया कि अचानक उसके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन के मैसेज आ रहे थे। संजय के क्रेडिट कार्ड से 42 रुपए निकल (
Cyber Crime Latest ) गए। प्रताप नगर स्थित बैंक पहुंचे, तो उन्होंने कहा ट्रांजेक्शन नहीं हुआ। राहत की सांस लेकर घर पहुंचे और ई-मेल देखी तो ट्रांजेक्शन से रुपए निकले हुए थे। बैंक फोन किया, तो उन्होंने ट्रांजेक्शन होना बताया।
केस नं. 3 लीलाशाह कॉलोनी सांगानेर निवासी हेमंत छीपा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके पास पांच महीने पहले फोन आया कि आपका ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं इसलिए आप लकी विनर रहे हैं। आपको कार, बाइक या लैपटॉप मिल सकता है।
इसके लिए 2199 रुपए की खरीदारी करनी होगी। उसने 2199 रुपए की खरीदारी कर ली। पीड़ि़त के घर पर पार्सल पहुंच गया। इसके बाद फोन आया कि गिफ्ट के लिए दस हजार रुपए की रसीद कटानी होगी, तो पीड़ि़त ने मना कर दिया।
इसके बाद फिर फोन आया कि पिछली कंपनी ने जो आपसे वादा किया था वह हम पूरा करेंगे। वह कंपनी फ्रॉड निकली। हम कार नहीं दे सकते 25 हजार रुपए दे सकते हैं। यह पैसा आरबीआइ के मर्चेंट अकाउंट से रिफंड किया जाएगा, लेकिन उसके लिए आपके अकाउंट में 9999 रुपए बैलेंस होना चाहिए। पीड़ि़त ने अपने अकाउंट से पेटीएम बैंक में एड कर लिया। पीड़ि़त झांसे में आकर दो बार 19198 रुपए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद बदमाशों ने पीड़ि़त का फोन उठाना बंद कर दिया।
केस नं. 4
लांगड़ीयावास जमवारामगढ़ निवासी नवदीप सिवाल जेएलएन मार्ग स्थित एक हॉस्पिटल में सीनियर बिलिंग एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है। पीड़ि़त ने खुद के खाते से पत्नी खाते में बैंक की ऐप के जरिए 22 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद तुरंत ही खाते से 16479 रुपए डेबिट कार्ड से निकलने का मैसेज मोबाइल पर आया। पीड़ि़त ने बताया कि उसका एटीएम कार्ड पास था। न ही उसने कार्ड की जानकारी किसी को दी। फिर भी रुपए कट गए।