पुलिस ने बताया कि इनकम टैक्स कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय जगत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिटायर्ड जज के पास 8 फरवरी को शाम 7.30 बजे फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को जज का दोस्त रामजीलाल मीना बताया। उसने पीडि़त को कहा कि हेमंत नाम का एक व्यक्ति आपके पास आएगा। वह फौजी है और जैसलमेर में पोस्टिंग है। उसे 25 हजार रुपए देने हैं। मैं आपके खाते में रुपए डाल देता हूं। आप उसे दे देना। पीडि़त ने सोचा दोस्त है, तो उसने हामी भर दी। इसके बाद जालसाज ने पीडि़त को ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन के लिए लिंक भेजा। पीडि़त ने लिंक में खाता संबंधी डिटेल भर दी। इसके बाद चार बार में 95401 रुपए निकल गए।
इधर पेटीएम केवायसी अपडेट करवाने के नाम पर ठगों ने युवक के मोबाइल को हैक कर खाते से 50 हजार रुपए निकाल लिए। ठगी की घटना सुखविहार कॉलोनी श्योपुर रोड निवासी राजाराम बैरवा के साथ हुई। पीडि़त ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने बताया कि पीडि़त के पास पेटीएम केवायसी करवाने के लिए फोन आया। इसके बाद जालसाजों ने पीडि़त के मोबाइल पर क्विक सपोर्ट ऐप डाउनलोड करवाई। पीडि़त ने बातों में आकर ऐप डाउनलोड कर ली। इसके बाद ठगों ने पेटीएम पासवर्ड मांगा। पीडि़त ने पासवर्ड भी दे दिया। इसके बाद उसका मोबाइल हैक हो गया। जालसाजों ने पचास हजार रुपए निकाल लिए।
इसी तरह की घटना जनपथ श्याम नगर निवासी श्याम सिंह सिंघवी के साथ हुई। पीडि़त के पास पेटीएम केवायसी एक्सपायर होने का एक मैसेज आया। जिसमें लिखा था तुरंत केवायसी करवाएं नहीं तो पेटीएम खाता ब्लॉक हो जाएगा। पीडि़त ने दिए गए नंबरों पर फोन किया। जालसाज ने पीडि़त के मोबाइल पर क्विक ऐप और एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करवाया। इसके बाद पेटीएम पर दस रुपए का पैमेंट करने को कहा। पीडि़त झांसे में आ गया और दस रुपए पैमेंट कर दिया। इसके बाद फोन कट गया। थोड़ी देर बाद में मोबाइल पर रुपए निकलने के मैसेज आए। पीडि़त के खाते से 1.99 लाख रुपए निकल गए।