पुलिस ने बताया कि माचवा कालवाड रोड निवासी विक्रमजीत ब्रिगेडियर के पद से रिटायर्ड है। एक जनवरी को उनके मोबाइल पर वाट्सएप पर मैसेज आया। मेसेज करने वाले व्यक्ति ने खुद को उनका परिचित कर्नल बताया। वाटसएप पर परिचित कर्नल की फोटो भी लगी हुई थी। मैसेज में बताया कि उसकी पत्नी को हार्ट प्रोब्लम है। इलाज के लिए विदेश लेकर गए हुए बताकर कुछ रुपए की मदद करने की कही। परिचित की सहायता करने के लिए विक्रमजीत ने अपने बेटे से बताए बैंक खातों में दो बार में 1 लाख 50 हजार रुपए जमा करवा दिए। उसके बाद तबीयत के बारे में पूछने के लिए कॉल करने पर मोबाइल बंद मिला। काफी प्रयास के बाद जानकारी करने पर ऑनलाइन ठगी का शिकार होने का पता चला। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके मोबाइल नंबर व बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है।
साइबर ठगों ने बैंक खातों में 60 हजार लगाई एएसआई भवानी सिंह ने बताया कि प्रताप नगर निवासी संजूलता आर्य एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है। उसका एसीबीआई बैंक की सांगानेर शाखा में खाता है। उसके बैंक खाते से सेंध लगाकर साइबर ठगों ने 40 हजार रुपए निकाल लिए। मोबाइल पर मैसेज देखकर एटीएम कार्ड संभालने पर वह उसके पास मिला। तभी दुबारा बैंक खाते से 20 हजार रुपए निकालने का मोबाइल पर मैसेज आया। बैंक खाते से ऑनलाइन 60 हजार रुपए निकलकर ठगी का एहसास होने पर पीडि़ता ने थाने जाकर मामला दर्ज कराया। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि उसने बैंक खाते संबंधी जानकारी किसी से सांझा नहीं की है और नहीं ओटीपी शेयर किया है, उसके बाद भी ऑनलाइन ठगी की शिकार हो गई। बैंक से जानकारी करने पर आंध्रप्रदेश में जयंती पांडा नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर होना पता चला है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर जांच कर रही है।