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जयपुर

चक्रवात ‘फानी’ से तबाह हुए हजारों घर, राजस्थान की स्काउट टीम दे रही राहत कार्य में सहयोग

चक्रवात ‘फानी’ से तबाह हुए हजारों घर, राजस्थान की स्काउट टीम दे रही राहत कार्य में सहयोग

जयपुरMay 14, 2019 / 06:56 pm

rohit sharma

fani

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जयपुर।

देश में फानी तूफ़ान को गए हुए आज पूरे 11 दिन हो गए हैं लेकिन ये तूफ़ान कई जगह अपने निशान छोड़ गया है। चक्रवात ‘फानी’ से तबाह क्षेत्रों में राहत कार्य में राजस्थान की स्कॉउट टीम सहयोग दे रही है।
राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड राज्य संगठन से 8 सदस्य दल स्टेट चीफ कमिश्नर जेसी मोहंती के निर्देशन में ओडिशा में राहत कार्यों के लिए सर्वे कार्य, सेवा कार्य, भोजन पैकेट वितरण आदि कार्य कर रहा है।
इंद्राणी पाटनी गांव में पीड़ित परिवारों को भोजन पैकेट प्रदान किए गए साथ ही विद्याधर नगर के कच्ची बस्ती के लोगों के मकानों का सर्वे किया गया। सर्वे के बाद पीड़ित परिवारों को आवास आदि की व्यवस्था के लिए कार्य किए जा रहे हैं। राजस्थान दल का नेतृत्व सी ओ स्काउट एल आर शर्मा व गणेश प्रसाद गुर्जर कर रहे हैं।
राजस्थान का दल 10 मई से लगातार भुवनेश्वर, कटक, चौद्वार के शहरी क्षेत्र तथा आसपास के ग्रामीण इलाकों तथा कच्ची बस्तियों में कार्य कर रहे हैं। ओडिशा के जनता द्वारा स्काउट गाइड राजस्थान संगठन के किए जा रहे कार्य की सराहना की जा रही है तथा स्काउट गाइड संगठन में सर्वप्रथम राजस्थान प्रदेश के वॉलिंटियर ने सेवा कार्य प्रारंभ किया गया।
चक्रवाती तूफान फानी ने ओडिशा को तबाह कर दिया है। स्टेट इमरजेंसी आपरेशन सेंटर के अनुसार मरने वालों की संख्या 64 पहुंच गयी है। फानी के गये 11 दिन हो गए हैं बिजली, पानी, स्वास्थ और संचार का संकट बरकरार है। हजारों घर पूरी तरह से समाप्त हो गए। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बेघरों को पक्का घर बनवाकर देने की घोषणा की है। पटनायक के पांच लाख पक्का घर निर्माण के लिए केंद्र से आर्थिक मदद मांगी है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना मे केंद्र राज्य की मदद करें।
ग्रामीण क्षेत्र के हालत और भी बदतर है। कटक और जगतसिंहपुर के किसानों ने सुविधाओं की शीघ्र बहाली की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। उधर फानी के कारण हुई क्षति का आंकलन करने को नौ सदस्यीय केंद्रीय दल ओडिशा पहुंच गया। टीम ने भुवनेश्वर में बैठक के बाद आज पुरी का दौरा किया।
बता दें कि तीन मई को फानी पुरी समुद्र तट से टकराया था। इससे ओडिशा के तटीय क्षेत्रों का बड़ा नुकसान किया। यूं तो 14 जिलों पर इसका असर दिखायी दिया पर पुरी खोरदा, कटक सर्वाधिक प्रभावित रहा। जगतसिंहपुर, भद्रक, बालासोर होता हुआ चक्रवात पश्चिम बंगाल पहुंचा। इसकी गति कम होती गयी।
14 लाख पेड़ उखड़ गए

नारियल और आम आदि के 14 लाख पेड़ों को फानी के प्रकोप ने जड़ से उखाड़ फेंका है। चक्रवात ने तटीय क्षेत्रों की कृषि भूमि की फसल नष्ट कर दी। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार तीस प्रतिशत फसल चौपट हो गयी। राज्य के 14 जिलों की एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। सभी 60 सेटेलाइट फोन डेड पड़े हैं। इसके चलते तटीय क्षेत्र की संचार व्यवस्था बीती तीन मई से बुरी तरह प्रभावित हुई है। सभी तीस जिलों के डिजास्टर कंट्रोल यूनिट के फोन शोपीस बन गए हैं।
फानी लील गया 64 जिंदगियां

चक्रवाती तूफान फानी 64 जिंदगियां लील गया। स्टेट इमरजेंसी आपरेशन सेंटर के अनुसार जिन 64 लोगों की मौत हुई है उनमें 39 मौतें सिर्फ पुरी में हुई हैं। बाकी 9 मौतें खोरदा, 6 कटक और 4 मयूरभंज तथा 3-3 क्रमशः केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में हुईं। रिपोर्ट के अनुसार 20 तो पेड़ व बिजली के खंभे के नीचे दबकर मर गये। और 25 लोगों की मौत दीवार गिरने से हुई। छत और एजबेस्टेस शीट के नीचे दबकर 6 की मौत हो गयी। बाकी 13 की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक करोड़ 65 लाख 30 हजार 900 लोग फानी के प्रकोप से प्रभावित हुए।

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