खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के जिन इलाकों में कर्फ्यू घोषित किया गया है वहां पर आवश्यक रसद सामग्री एवं अन्य जरूरत का सामान प्रतिदिन डोर-टू-डोर वितरण करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए। इन इलाकों में जो राशन डीलर दुकान नहीं खोल रहे है, उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाए।
प्रदेश में जिन राशन डीलरों की ओर से 70 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं का उठाव बिना ओटीपी के किया गया है, उनके विरूद्ध जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जिन राशन डीलरों ने दूसरे जिले के राशन कार्ड से गेहूं अनियमित रूप से उठाया गया है, उसकी जांच करवाकर राशन डीलर के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान इन्टर डिस्ट्रिक्ट पोर्टेबिलिटी को बन्द किया जाएगा, जिससे राशन डीलरों की ओर से की गई अनियमितता पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सके। जिलों में प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकों की ओर से प्रतिदिन मापदण्डानुसार निरीक्षण नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध 17 सीसीए के तहत चार्जशीट की कार्रवाई की जाएगी।
शासन सचिव ने कहा कि एनएफएसए के लाभार्थियों को लॉकडाउन अवधि के दौरान उचित मूल्य दुकानदारों की ओर से गेहूं का वितरण किया है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए जिला रसद अधिकारियों को फोन कर लाभार्थियों से पूछकर सुनिश्चित करना है कि राशन मिला है या नहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन राशन डीलरों की ओर से गबन किया गया है, उनके विरूद्ध एफआईआर हर हालत में दर्ज करवायें।