इनके लिए 30 सितंबर अंतिम तिथि इनकम टैक्स का यह रिटर्न 2018-19 के वित्तीय वर्ष के लिए भरा जाएगा। इसके जरिए व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और ऐसे करदाता रिटर्न दाखिल करेंगे, जिनके खातों का ऑडिट नहीं किया जाता। वहीं टैक्स दाखिल करने वाली फर्म (
firm ) और कंपनियों के लिए भी 31 अगस्त की यह तारीख लागू नहीं होगी। उनके लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर निर्धारित की गई है। इसके अलावा जिन्हें सेक्शन 92ई ( Section 92E ) के तहत रिपोर्ट जमा करनी होती है उनके लिए आयकर विभाग की तरफ से आखिरी तारीख 30 नवंबर तय की गई है।
जेल का प्रावधान सरकार द्वारा घोषित आखिरी तारीख तक रिटर्न जमा नहीं किया गया तो आयकर विभाग करदाता को नोटिस भेजता है। अगर अधिकारी आपके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है और जांच में साबित होता है कि आपने जानबूझकर टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो तीन माह से दो साल तक की जेल हो सकती है।
जुर्माना भी हो सकता है पांच लाख से कम आय पर एक हजार जुर्माना रिटर्न में देरी पर ।
पांच हजार जुर्माना 31 अगस्त के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने पर।
दस हजार जुर्माना 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर।
नोटिस मिले तो डरें नहीं अंतिम तिथि तक आईटीआर फाइल नहीं करने पर विभाग सबसे पहले नोटिस भेज सकता है, जिसमें यह बताने को कहा जाता है कि आपने रिटर्न क्यों नहीं भरा। टैक्स सलाहकारों का कहना है कि नोटिस मिलने पर भयभीत होने की जरूरत नहीं है। कर अधिकारी टैक्स नहीं भर पाने की सही वजह जानना चाहते हैं। सही वजह बताने पर जुर्माना लगा कर रिटर्न भरने की अनुमति मिल जाती है।