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जयपुर

फांसी रद्द, लेकिन उम्रकैद और 90 हजार रुपए जुर्माना

– हाईकोर्ट ने सात माह की बालिका से बलात्कार के मामले में दिया आदेश

जयपुरNov 15, 2018 / 06:47 pm

Shailendra Agarwal

Minor Girl Rape

Minor Girl Rape

हाईकोर्ट ने अलवर जिले में करीब 6 माह पहले 7 माह की बालिका से बलात्कार करने वाले 20 वर्षीय युवक की फांसी को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने मामले को दुर्लभतम अपराध मानने से इनकार करते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। भारतीय दण्ड संहिता के तहत कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के तौर पर 20 साल की जेल की सजा दी है, वहीं पॉक्सो एक्ट के तहत भी आजीवन कारावास की सजा दी है। साथ ही, 90 हजार रुपए जुर्माना लगाया है और इसका भुगतान नहीं करने पर 3 साल 9 माह की अतिरिक्त सजा भोगनी पडेगी।
न्यायाधीश मनीष भण्डारी की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने फांसी की पुष्टि के लिए अधीनस्थ अदालत से आए रेफरेंस व अभियुक्त पिंटू की अपील को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है। पिंटू को 9 मई 18 को 7 माह की बालिका से बलात्कार करने के मामले में अलवर जिले की विशेष अदालत ने फांसी और 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया। अपीलार्थी की ओर से कहा गया कि सजा देते समय उसकी उम्र का ध्यान नहीं रखा गया और मामला दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में भी नहीं है। अपीलार्थी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं और उसकी शादी भी हाल ही हुई है। यह भी कहा कि फांसी की सजा अपवादजनक है। इसके विपरीत सरकार की ओर से कहा कि 31 अपे्रल 18 को 12 साल से कम उम्र की बालिका से बलात्कार पर फांसी के लिए नया कानून लागू हो गया है।
कोर्ट ने 90 हजार रुपए जुर्माना पीडि़त परिवार को दिलाने का आदेश देते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि जुर्माना पीडि़त प्रतिकर स्कीम के तहत मिलने वाली राशि के अतिरिक्त होगी।

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