– आठ लेन का हाइवे प्रस्तावित था, लेकिन वन्यजीवों के विचरण में दखल की आशंका के चलते वन विभाग ने एनओसी नहीं दी।
– वनाधिकारियों ने एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव करने व अन्य विकल्पों को तैयार करने के लिए कहा।
अब रणथम्भौर के बफर जोन इंद्रगढ़ के एक किमी दूर से निर्माण होगा।
इंद्रगढ़ व लाखेरी के बीच भी बफर जोन की सीमा से एक किमी दूरी से निर्माण।
अब दो टाइगर रिजर्व व एक अभयारण्य (रणथम्भौर-मुकुंदरा व रामगढ़ विषधारी अभयारण्य) का कॉरिडोर नहीं टूटेगा।
१०० मीटर की होगी चौड़ाई
६-१५ फीट तक होगी ऊं चाई
६.७ फीट की ऊंचाई होगी बिना अंडरपास वाली जगहों पर
३२८.४४ किमी होगी कुल लंबाई
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने पूर्व में २५ दिसबर २०१८ को ‘दिल्ली-मुंबई के बीच नया एक्सप्रेस वे बनेगा बाघों की राह में रोड़ाÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले को प्रमुाता से उठाया था।
आनंद मोहन, सीसीएफ, मुकुंदरा रिजर्व हमने आपत्ति जताई थी। अब बफर जोन से एक किमी दूर से हाइवे निर्माण व मुकुंदरा में टनल का निर्माण करना प्रस्तावित है।
जीवी रेड्डी, पीसीसीएफ, जयपुर
कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने का मामला
उदयपुर.कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने के संबंध में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने राजस्थान के मुख्य वन्यजीव अधीक्षक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव राहुल भटनागर ने बताया कि इस संबंध में प्राधिकरण के एआइजी वैभव माथुर ने मुख्य वन्यजीव अधीक्षक को भेजे पत्र में बताया कि गत दिनों राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की 17 वीं बैठक में राज्यसभा सांसद हर्षवर्धनसिंह डूंगरपुर ने राज्य में बाघों की बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित करने का सुझाव दिया था। माथुर ने अन्य संबद्ध अनुकूलताओं के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत रिपोर्ट भिजवाने को कहा है।