फिर उठी दिव्यांगों को आरक्षण देने की मांग
केंद्र और राज्य सरकारों को लिखा पत्रप्री बजट मीटिंग में भी दिया गया सुझावआरक्षण से आसान होगी नौकरी की राह
फिर उठी दिव्यांगों को आरक्षण देने की मांग
प्रदेश में दिव्यांगों को आरक्षण की मांग एक बार फिर उठने लगी है। इस बार विधायकों ने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर नोटरी पब्लिक में दिव्यांग अधिवक्ताओं को आरक्षण देने की मांग की है। इन विधायकों का कहना है कि विधि विभाग के तहत नोटरी पब्लिक का पद अपेक्षाकृत कम भागदौड़ का होता है और बैठे.बैठे ही इस पद की जिम्मेदारी को बिना किसी परेशानी के पूरा किया जा सकता है इसलिए ये पद दिव्यांग अधिवक्ताओं के लिए उपयुक्त माना जा सकता है।
इन विधायकों ने की डिमांड
श्री डूंगरगढ़ विधायक गिरधारी लाल माहिया ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इनके अलावा खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल और फलौदी विधायक पव्वाराम विश्नोई ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर नोटरी पब्लिक में दिव्यांग अधिवक्ताओं को आरक्षण देने की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि दिव्यांग विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल ने भी प्री बजट मीटिंग में सीएम गहलोत के समक्ष यह सुझाव रखा था।
नौकरी की राह होगी आसान
नोटरी नियमों में संशोधन तो केंद्र सरकार के विधि विभाग के स्तर पर ही संभव है, लेकिन प्रदेश सरकार के स्तर पर नोटरी पब्लिक के पद पर होने वाली नियुक्तियों में दिव्यांग अधिवक्ताओं को प्राथमिकता प्रदान करने का प्रावधान किया जा सकता है, जिससे प्रदेश के सैंकड़ों दिव्यांग अधिवक्ताओं को इस पद पर नियुक्ति की राह आसान हो सकेगी।
क्या हैं नियम
नोटरी रूल्स 1956 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार, राजस्थान में केंद्र सरकार के स्तर पर अधिकतम 1500 और राज्य सरकार के स्तर पर अधिकतम 2000 नोटरी पब्लिक की नियुक्तियां की जानी होती हैं, इसलिए राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र की नोटरी पब्लिक की नियुक्ति में दिव्यांग अधिवक्ताओं को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने किया था जन घोषणा पत्र में शामिल
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में दिव्यांगजनों की विशेषयोग्यता को देखते हुए सरकार में उपलब्ध पदों को चिह्नित कर उन पर नियुक्ति के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने के मुद्दे को शामिल किया था।
4 प्रतिशत आरक्षण और अनुभव में छूट की मांग
दिव्यांगजन मामलों के विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल ने राजस्थान सरकार से दिव्यांग अधिवक्ताओं को नोटरी पब्लिक की नियुक्ति में अधिकतम प्राथमिकता प्रदान करने की मांग की है, जबकि केन्द्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर इस पद की नियुक्ति में दिव्यांग अधिवक्ताओं को चार प्रतिशत आरक्षण और अनुभव में छूट देने संबंधी मांग की है।
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