-इनाम लग जाने, किसी इनाम में गाड़ी जीत जाने, टावर लगवाने, लोन लेने या अन्य किसी भी तरह के लुभावने विज्ञापन से बचने के लिए जगह-जगह प्रचार होगा। इसमें एनजीओ व निजी संस्थाओं का सहयोग लेंगे।
-शहरों में सेमिनार व जनजागरुकता कार्यक्रम। इसमें स्थानीय विकास समितियों को आमंत्रित किया जाएगा। जिससे की समिति अपने-अपने इलाके के लोगों को जागरुक कर सकें।
-फोनपे ,गूगलपे या अन्य किसी यूपीआई एप पर किसी के द्वारा रिफंडिंग जैसी मैसेज के लिंक यार रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। ऐसा करने पर साइबर ठगी के शिकार होने की आशंका बनी रहती है।
-किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करें, लेकिन तस्दीक करना कि यह सही या नहीं। क्योंकि, विभिन्न डीटीएच के ढेरों फर्जी कस्टमर केयर नंबर हैं। संबंधित साइबर विशेषज्ञों के साथ होगा काम।
-शहरों में सेमिनार व जनजागरुकता कार्यक्रम। इसमें स्थानीय विकास समितियों को आमंत्रित किया जाएगा। जिससे की समिति अपने-अपने इलाके के लोगों को जागरुक कर सकें।
-फोनपे ,गूगलपे या अन्य किसी यूपीआई एप पर किसी के द्वारा रिफंडिंग जैसी मैसेज के लिंक यार रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। ऐसा करने पर साइबर ठगी के शिकार होने की आशंका बनी रहती है।
-किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करें, लेकिन तस्दीक करना कि यह सही या नहीं। क्योंकि, विभिन्न डीटीएच के ढेरों फर्जी कस्टमर केयर नंबर हैं। संबंधित साइबर विशेषज्ञों के साथ होगा काम।
यह है स्थिति
-960 मुकदमे आईटी एक्ट में दर्ज हुए एक साल में
-10 करोड़ की ठगी एक साल में (कमिश्नरेट के थानों में दर्ज मामले)
-400 से अधिक मामले नहीं सुलझा पाई पुलिस
-अप्रेल से सितम्बर के बीच ही साइबर ठगों ने राज्य में 2 हजार से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है। इससे लोगों से करीब 20 करोड़ रुपए की ठगी की गई।
-960 मुकदमे आईटी एक्ट में दर्ज हुए एक साल में
-10 करोड़ की ठगी एक साल में (कमिश्नरेट के थानों में दर्ज मामले)
-400 से अधिक मामले नहीं सुलझा पाई पुलिस
-अप्रेल से सितम्बर के बीच ही साइबर ठगों ने राज्य में 2 हजार से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है। इससे लोगों से करीब 20 करोड़ रुपए की ठगी की गई।