पावरफुल है हल्दी
हल्दी में बहुत ही पावरफुल एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो डिटॉक्सिफिकेशन के साथ ही लिवर फंक्शन को भी सपोर्ट करते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन टॉक्सिंस को हानिकारक कंपाउंड में बदलने से रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह लिवर को डेमेज होने से रोका जा सकता है। हल्दी का प्रयोग मसालों के अलावा दूध में भी करें, इससे भी आपको कई लाभ मिलेंगे।
डाइजेस्टिव जिंजर
हजारों सालों से अदरक का उपयोग एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट एवं एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में होता आ रहा है। शरीर में से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी अदरक बहुत कारगर है। यह डाइजेशन, सर्कुलेशन एवं स्वेटिंग को उत्तेजित करने का काम करती है। दरअसल, यह तीनों ही क्रियाएं नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन के लिए आवश्यक है। इस तरह शरीर से टॉक्सिंस निकल जाते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां भी बॉडी के लिए नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन का काम करती हैं। इन सब्जियों में आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन्स जैसे बी विटामिन्स एवं विटामिन के, सी, ई आदि होते हैं, जो शरीर में हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को सही रखते हैं। यह फाइबर से भरपूर होती हैं।
रोगों से बचाएगी सेब
लिवर के डिटॉक्सीफिकेशन के लिए सेब बहुत ही लाभकारी है। सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन और मेलिक एसिड शरीर में से हानिकारक पदार्थ बाहर करने का काम करते हैं। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो ब्लड में से कोलेस्ट्रोल और टॉक्सिंस को रिमूव करने का काम करता है। मेलिक एसिड ब्लड-क्लींजिंग न्यूट्रिएंट है।
खून साफ करता है चुकंदर
रक्त में से अशुद्धियों को बाहर निकालने के लिए चुकंदर का सेवन लाभकारी होगा। बीट्स में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी ज्यादा होती है। इसके साथ ही इसमें फोलेट, पेक्टिन फाइबर, आयरन, बीटेन आदि जरूरी तत्व होते हैं, जो शरीर में हानिकारक पदार्थों के स्तर को कम करने का काम करते हैं। फाइबर से भरपूर डाइट हानिकारक पदार्थों का अवशोषण कम करेगी।