जयपुर

Kartika Purnima 2020 विष्णुजी के मत्स्य अवतार का दिन पर इस स्वरूप की पूजा से पूरे होते हैं मनोरथ

हिंदू माह की अंतिम तिथि शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। पूजा—पाठ के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इनमें भी कार्तिक पूर्णिमा की सबसे ज्यादा अहमियत है। इसी दिन पावन कार्तिक माह और कार्तिक स्नान का समापन भी होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरुनानक देव की जयंती भी मनाई जाती है।

जयपुरNov 27, 2020 / 10:25 am

deepak deewan

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जयपुर. हिंदू माह की अंतिम तिथि शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। पूजा—पाठ के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इनमें भी कार्तिक पूर्णिमा की सबसे ज्यादा अहमियत है। इसी दिन पावन कार्तिक माह और कार्तिक स्नान का समापन भी होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरुनानक देव की जयंती भी मनाई जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित एम. शर्मा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान और दीपदान का बहुत महत्व है। आर्थिक मजबूती के लिए लक्ष्मीजी की पूजा के लिए भी यह उत्तम दिन है। पूर्णिमा की रात चंद्रदेव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करने से धन—संपत्ति और सुख प्राप्त होता है। मानसिक तनाव में रहनेवालों को पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा से बहुत लाभ मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर विष्णुजी की विधिपूर्वक पूजा फलदायी होती है। इस दिन दान भी करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार इसी तिथि पर हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के ही एक अन्य स्वरूप सत्यनारायण भगवान की कथा कराने का सबसे ज्यादा महत्व है। इससे सभी अभीष्ट अवश्य पूरे होते हैं।
इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं, इसके बाद विष्णुजी के सत्यनारायण स्वरूप का ध्यान करते हुए व्रत और कथा श्रवण का संकल्प लें। शाम को सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करें। विधिविधान से पूजा कर सत्यनारायण कथा सुनें या सुनाएं। यह पूजा चमत्कारिक फल देती है। इसके प्रभाव से दुख—कष्ट दूर होते हैं और सुख प्राप्त होता है।

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