लाल किताब – छोटी सी लाल किताब यानि की बही की कीमत बीस रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है। परंपरागत तौर पर व्यापारी धनतेरस पर बहियां खरीदते हैं। पूरे साल की आवश्यकता के अनुसार बही इसी समय खरीदा जाता है। इन बहियों में पूरे साल का हिसाब किताब रखा जाता है। लाल कपड़े को हाथ से सिलाई के बाद इस बहियों को तैयार किया जाता है। कंप्यूटर और लैपटॉप के जमाने में भी इन बहियों का महत्व कम नहीं हुआ है। दीपावली पर पूजा करने के बाद पूरे साल इन किताबों में हिसाब किताब रखते हैं।
आज से विधिवत् रोशन होंगे बाजार – धनतेरस से पांच दिवसीय सामूहिक सजावट की शुरूआत होती है। आज राजधानी के बाजारों में सामूहिक सजावट का दीप प्रज्जवलन के साथ स्वीच आॅन होगा। जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, किशनपोल,रामगंज,चांदपोल, एमआई रोड़, चौड़ा रास्ता,चांदी की टकसाल सहित परकोटे के कमोबेश सभी बाजारों को सजाया गया है। इसी के साथ राजापार्क,मानसरोवर, बरकत नगर में भी सामूहिक सजावट की गई है। निजी भवन, होटल्स और व्यवसायिक काम्लेक्स में भी सजावट हुई है जिनको देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक
जयपुर आएं है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त धनतेरस के दिन सुबह 09.37 से 10.59 तक का समय खरीददारी के लिए शुभ है। दोपहर 11.55 से 12.40 तक अभिजित मुहूर्त में और दोपहर 1.40 से शाम 5.50 तक सोना, चांदी, वाहन या इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना शुभ है।
ये है पूजा के शुभ मुहूर्त ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने वाले लोगों के घर में साल भर धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वास्तव में, धनतेरस पर पूजा न केवल देवी लक्ष्मी के लिए की जाती है बल्कि कुबेर के लिए भी यह पूजा की जाती है, जो धन के देवता हैं। इस बार धनतेरस के दिन पूजा का शुभ समय शाम 7 बजकर 32 मिनट से रात 8 बजकर 18 बजे तक माना गया है।